RAM PRAKASH 'BEKHUD'_ MERE WAJUD ME PACHAN DO JAHAN KI HAI_मेरे वजूद में...
MUSHIRA_RAM PRAKASH
‘BEKHUD’
मेरे वजूद में पहचान दो
जहान की है,
बदन ज़मीन का है रूह आसमान
की है !
जो पी रही है मुसलसल ज़मीन
का पानी,
ये धूप धूप नहीं प्यास
आसमान की है !
- राम
प्रकाश 'बेखुद'
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