Rashida Baqi ‘Haya’_Tumhi Ne Shart-E-Wafa Ki_Kavi Sammelan-Mushaira
Mushira
तुम्ही
ने शर्ते वफ़ा की तुम्ही निभा न सके,
तुम्ही
ने आग लगाईं तुम्ही बुझा न सके !
तेरे
फ़िराक़ में ऐसे भी लम्हे गुज़रे हैं,
जो
मुस्कराना भी चाहा तो मुस्करा न सके !
- रशीदा बाक़ी 'हया'
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