Aap Ki Rahnumai Mujhe Khal Gai_ आपकी रहनुमाई मुझे खल गई_Lyric_Mukesh Sin...
आपकी रहनुमाई मुझे खल गई,
क़ैद से फिर रिहाई मेरी टल गई !
आपने जिसको फेंका था सुनसान में,
वो ही बेटी किसी के यहाँ पल गई !
स्वर: प्रदीप श्रीवास्तव, गीत: मुकेश
सिंह
आपकी रहनुमाई मुझे खल गई,
क़ैद से फिर रिहाई मेरी टल गई !
आपने जिसको फेंका था सुनसान में,
वो ही बेटी किसी के यहाँ पल गई !
स्वर: प्रदीप श्रीवास्तव, गीत: मुकेश
सिंह
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