Mukesh Aalam_Naam Tiron Ka Hota rahtaa Hai_नाम तीरों का होता रहता है_Jas...
MUSHAIRA:
ख्वाबों की काई पे चलना,भारी
पड़ा बे ध्यानी में !
एक ज़रा सी प्यास की ख़ातिर, डूब
गए हम पानी में !
दुनिया का दिल रखते रखते, सब
अरमां क़ुर्बान किये !
हमने सारी फ़ौज लगा दी, पत्थर
की निगरानी में !
- मुकेश आलम
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