Ghamo Ki Raat Ka Ye - ग़मो की रात का ये सिलसिला - Shaqeel Gayawi



ग़मो की रात का यूँ सिलसिला कम करते रहते !
न जाने पढ़ के क्या क्या ख़ुद  प हम दम 
करते रहते हैं !!
तेरी यादों के जुगनू रात भर सोने नहीं देते !
तेरी परछाइयों से गुफ़्तगू हम करते रहते हैं !!
~ शकील गयावी  
( पूरी शायरी के लिए नीचे दिए गए यू ट्यूब लिंक पर क्लिक करें
| और हाँ SUBSCRIBE करना न भूलें  )

Comments

Popular posts from this blog

SRI YOGI ADITYANATH- CHIEF MINISTER OF UTTAR PRADESH

Kavi Gopal Ji Shukla_Yaad Rahey Patni Do Dhari Talwar Hai_याद रहे पत्नी ...

गुरुदेव मेट्रो स्टेशन,कानपुर से कानपुर यूनिवर्सिटी तक सड़क का बद्द्तर हाल...