Ghamo Ki Raat Ka Ye - ग़मो की रात का ये सिलसिला - Shaqeel Gayawi
ग़मो की रात का यूँ सिलसिला कम करते रहते !
न जाने पढ़ के क्या क्या ख़ुद प हम दम
करते रहते हैं !!
करते रहते हैं !!
तेरी यादों के जुगनू रात भर सोने नहीं देते !
तेरी परछाइयों से गुफ़्तगू हम करते रहते हैं !!
~ शकील गयावी
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