Mushaira - Ghamo Ki Sardiyon Mein - ग़मो की सर्दियों मे भी सुकूं की धूप ...



कभी राँझा,
कभी मजनू, कभी फ़रहाद का
मौसम !
हज़ारों रंग जीता है दिल-ए-बरबाद का मौसम !!
ग़मो की सर्दियों में भी सुकूं की धूप खिलती है !
हमारे साथ रहता है तुम्हारी याद का मौसम !!
~ नीना सहर
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