Rubaiyan - रुबाइयाँ - Naaz Pratapgadhi



पास तू है न तेरी याद की
रानाई है !
ऐसी तनहाई भी किस काम की
तनहाई है !!
पहले तैयार न था कोई मेरी सुनने को !
सुन लिया तुमने तो महशर मे भी सुनवाई है !!
~ नाज़ प्रतापगढ़ी 
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