Ishq Mein Majnu-o-Farhad Nahi Hone Ke- इश्क़ में मजनू-ओ-फरहाद - Nusrat Mehdi
इश्क़ में
मजनू-ओ-फ़रहाद नहीं होने के !
मजनू-ओ-फ़रहाद नहीं होने के !
ये नए लोग हैं
बर्बाद नहीं होने के !!
बर्बाद नहीं होने के !!
ये जो दावे हैं
मोहब्बत के अभी हैं जाना !
मोहब्बत के अभी हैं जाना !
और दो चार बरस
नहीं होने के !!
नहीं होने के !!
~ नुसरत मेहदी
(पूरी शायरी के लिए नीचे दिए गए यू ट्यूब लिंक पर क्लिक करें | और हाँ SUBSCRIBE करना न भूलें ! )
UPLOAD BY PRADEEP
SRIVASTAVA
SRIVASTAVA
+91 9984555545
https://youtu.be/OZ6-vdYKgFk
Comments
Post a Comment