Mushaira - Kal Nahi Kaha Hamne कल नहीं कहा हमने आज भी नहीं कहते !- Shaya...
ग़ज़ल कल नहीं कहा हमने आज
भी नहीं कहते !
संग को कभी हीरा जौहरी नहीं कहते !!
हो हसीं कितनी भी धुप सर्द मौसम की !
धूप को मगर फिर बी चांदनी नहीं
कहते !!
कहते !!
~ एम् आर क़ासमी
7TH Rashtriya Kavi Sammelan & Mushaira Organized by SAHAB SMRITI FOUNDATION , Kanpur on 13th October, 2019.
PRADEEP SRIVASTAVA
# +91 9984555545
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