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Showing posts from May, 2021

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 4B, 03 APRIL, 1998_

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 4B,   03 APRIL, 1998_ अप्रैल 03, 1998 में पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/qha4QKJYSHM

Nasha Ankhon Mein Teri_ नश्शा आँखों में तेरी जादू तेरी बात में है_ZAHEER...

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*बस तेरा नाम बचाये हुये रहता है मुझे,* *ये ज़माना तो ज़माने से मेरी घात में है !* *मेरी आँखों से बरसता हुआ सावन देखो,* *वो मज़ा आएगा जो मौसम बरसात में है !* *ऐसे खूबसूरत शेर के लिए पूरी ग़ज़ल सुने*  https://youtu.be/luT7E5QjI6A

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 4A, 03 APRIL, 1998_

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 4A,   03 APRIL, 1998_   अप्रैल 03, 1998 में पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/npizfs7Vab8

Farooq Jaisi_Mushaira _Mila Usi Key Karam Se_मिला उसी के करम से यह अफ़सान...

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Farooq Jaisi_Mushaira _Mila Usi Key Karam Se_ मिला उसी के करम से यह अफ़साना मुझे _ परमआदरणीय , परमश्रद्धेय , परम पूज्यनीय गुरुवार ' हुज़ूर साहेब ' के द्वारा आयोजित चौमासी शेरी नशिस्त दिनांक 22   दिसंबर , 2000 स्थान: ख़ानक़ाह , कानपुर निज़ामत: डॉ. मेहंदी जाफ़री शायर: फ़ारूक़ जायसी आडियो वीडियो रिकॉर्डिंग व प्रस्तुति: प्रदीप श्रीवास्तव +91 9984555545 https://youtu.be/c 3 T 7 X 5 fKFSE

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 3B, 02 APRIL, 1998_

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 3B,   02 APRIL, 1998_   अप्रैल 01, 1998 में पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 2B, 01 APRIL, 1998_ हुज़ूर साहेब_ अमृतवचन

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 2B,   01 APRIL, 1998_ हुज़ूर साहेब _ अमृतवचन अप्रैल 01, 1998 में पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/kd0GvgxeqgA

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 3A, 02 APRIL, 1998_

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 3A,   02 APRIL, 1998_   अप्रैल 01, 1998 में पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/HOPEyBUMsTM

इजराइल

#इजराइल                  इज़राइल, दुनिया के नक्शे में एक डॉट के बराबर दिखने वाला एक देश है । तीन इज़राइल मिलकर राजस्थान के बराबर भी नहीं होते । इज़राइल धार्मिक रूप से कट्टर देश है, बावजूद इसके आज उसके पास रूस, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है।        इज़राइल दुनिया के उन 9 देशों में शामिल है जिनके पास खुद का सेटेलाइट सिस्टम है, जिसकी सहायता से वो ड्रोन चलाता है, अपनी सेटेलाइट टेक्नोलॉजी इज़राइल किसी देश के साथ साझा नही करता। इज़राइल दुनिया का एकमात्र देश है जो एंटी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से पूरी तरह लैस है। इज़राइल की ओर आने वाली हर मिसाइल न सिर्फ रास्ते मे मार गिराई जाती है बल्कि एक मिनट के भीतर मिसाइल दागने वाली जगह की पहचान कर इज़राइल जवाबी मिसाइल दाग कर सब कुछ तहस नहस कर देता है।        नागरिकता को लेकर इज़राइल की स्पष्ट नीति है कि दुनिया के किसी भी हिस्से में रहने वाले यहूदी को इज़राइल अपना नागरिक मानता है। हाँ, यहूदी होने के लिए माँ और पिता दोनों का यहूदी होना अनिवार्य है। हैरानी की बात तो यह है कि जिस कौम की धार्मिक किताब दुनिया भर की धार्मिक

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 2A, 01 APRIL, 1998_

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 2A,   01 APRIL, 1998_ अप्रैल 01, 1998 में पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/TXpvG28S7hM

Nasir Jaunpuri_ Ghar Bana Tamanna Ka- घर बना तमन्ना का छत पड़ी मोहब्बत की,

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ग़ज़ल Ghar Bana Tamanna Ka-Nasir Jaunpuri घर बना तमन्ना का छत पड़ी मोहब्बत की , पूरी हो गई नासिर हर कमी मोहब्बत की !   सबसे अच्छी होती है ज़िंदगी मोहब्बत की , काश दिल को मिल जाये रौशनी मोहब्बत की ! थरथराते होटों पर नाम बस तुम्हारा हो , सांस इस तरह निकले आख़िरी मोहब्बत की !   आप का हंसीं चेहरा आइना है चाहत का , आपसे मिली मुझको आगही मोहब्बत की   पाँव अहले दुनिया के डगमगाने वाले हैं , काश कोई फ़रमादे रहबरी मोहब्बत की   सारी ज़िंदगी अपनी फूल से सजा लेगा , क़द्र जान लेगा जब आदमी मोहब्बत की ! वास्ता नहीं मुझको नफ़रतों की बातों से , बात करता रहता हूँ हर घड़ी मोहब्बत की ! और तो कोई मुझको अब नज़र नहीं आता , बात कुछ समझते हैं आप ही मोहब्बत की ! ज़िक्र क्या मोहब्बत का अक्स भी नहीं पाया , हाय उन निगाहों में सादगी मोहब्बत की ! दिन में याद आता है उसका चाँद सा चेहरा , रात में बिखरती है चांदनी मोहब्बत की ! इसलिए उसे ‘ नासिर ’ मैं ग़ज़ल सुनाता हूँ , उसको अच्छी लगती है शायरी मोहब्बत की ! ~ नासिर जौनपुरी 22.12.2000 https://youtu.be/sFkRHYCS0pI

हर सफल पति के पीछे पत्नी का हाथ होता है

दुबई के एक नामी होटल कंपनी के मालिक ने अपने सभी ग्राहकों के सामने एक विचित्र शर्त रखी कि मगरमच्छों से भरे झील में जो भी व्यक्ति मगरमच्छों से बचकर सुरक्षित बाहर निकल जाएगा ,उसे 10 करोड रुपए इनाम के तौर पर दिया जाएगा और अगर उस आदमी को मगरमच्छ ने खा लिया तो उसके परिवार को 5 करोड रुपया दिया जाएगा ! यह सुनकर वहाँ उपस्थित सभी लोग भयभीत हो गए ।   किसी में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वे झील में कूद सके औऱ मगरमच्छ से बचकर पुनः बाहर निकल सकें ।कुछ देर के लिए बिल्कुल सन्नाटा पसर गया। तभी एक बहुत जोरदार आवाज आती है...........छपाक वहां उपस्थित लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया, चारो तरफ से सिर्फ और सिर्फ़ चिल्लाने की तेज आवाज...यह क्या...किसी आदमी ने झील में छलांग लगा दी थी ! लोगों की सांसे थम गई , बिलकुल खामोशी और सभी लोग उस आदमी की तरफ एकटक देखने लगे ! सबकी सांसे अटकी हुई थी कि अब क्या होगा।सबकी आँखे फटी की फटी...धड़कन तेज़...बहुत तेज..धक धक धक धक वह आदमी पूरी तरह से झील में जीवन औऱ मृत्यु के बीच जद्दोजहद कर रहा था !तभी अचानक बिजली की फुर्ती से वह पानी को चीर कर आगे बढ़ने लगा। खूब तेज किनारों की ओर..... सभ

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 1B, 01 APRIL, 1998_

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART 1B,   01 APRIL, 1998_   अप्रैल 01, 1998 में पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/NuflON_GT8s

GEET_MERE GEET LE CHALEY HAIN AMRAIYON KE GAON_मेरे गीत ले चले हैं _SHA...

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गीत मेरे गीत ले चले हैं अमराइयों के गाँव , ठहरी ठहरी झील घने पेड़ों की छाँव मेरे गीत ले चले हैं अमराइयों के गाँव - - - - - - ठंडी ठंडी रेत बहती , हौले हौले नदिया फैली , दूर तक पर्वत मालाएं , मस्त मस्त डोले पवन , पेड़ों पे झुकता गगन , और गले मिलती लताएं , पायल संग बीत गए , गोरिया के पाँव , मेरे गीत ले चले हैं अमराइयों के गाँव - - - - - - धूल का श्रृंगार किये , मेहनत का बोझ लिए , खेतों में काम करती टोली , गुमसुम सी द्वार खड़ी , राह तके प्रीतम की , गोरी की दो अँखियाँ भोली , यूँ साथी प्रीत पले तारों की छाँव , मेरे गीत ले चले हैं अमराइयों के गाँव - - - - - - पीपल की छाँव तले कितने अरमान पले , बचपन से यौवन के अंगना , झूलों की पैंग मची , गीतों की धूम बजे , नाज़ुक़ कलइयन के कंगना , सतरंगी सपने सजे , पनघट की छाँव , मेरे गीत ले चले हैं अमराइयों के गाँव - - - - - - फागुन की ऋतु आई , झूम उठी पुरवाई , खेतों ने ली अंगड़ाई , कुहू कुहू हर डाली , कोयलिया मतवाली , गीतों में संदेसा लाई , प्रीतम संग खेल लेत उल्फ़त का दांव , मेरे गीत ले चले हैं अ

HUZUR SAHEB'S AMRIT WACHAN_PART 1A, 01 APRIL, 1998_

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अप्रैल 01, 1998 में पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/kZSfAH5jB2c

GEET_MERI ANKHEN DARPAN HAIN _ मेरी ऑंखें दर्पण हैं _KK SHUKLA

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GEET – KK SHUKLA     गीत मेरी ऑंखें दर्पण हैं , यदि प्रतिबिम्ब देख पाओ , पाओगे अपनी छाया , मेरे पास अगर आओ - - - - - - आँखों में टिकता वो ही , हो जो स्नेहिल भाव भरा , सहज सरल निर्मल जितना , उतना रहता बना हरा , इसी हरेपन में डूबें , तुम भी साथ हंसो गाओ , मेरे पास अगर आओ मेरी ऑंखें दर्पण हैं , यदि प्रतिबिम्ब देख पाओ - - - - - - सम्मोहन पलता इनमे , दृष्टि दाल कर देखो जो , पारदर्शिता ही रहती , शीशे में तुम झांको तो , एक रूप भीतर बाहर , छवि में अंकित इतराओ , मेरी ऑंखें दर्पण हैं , यदि प्रतिबिम्ब देख पाओ , पाओगे अपनी छाया , मेरे पास अगर आओ - - - - - - गीतकार के. के. शुक्ला https://youtu.be/WWc8nsTYUCo  

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN AUGUST, 2006_PART-4C

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN   AUGUST, 2006_PART-4C अगस्त 2006 में पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब '   ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/5KlPd6ByDuY

Nasir Jaunpuri_Maine Zindgi Sari Ishq Mein Lagai Hai_Mushairava

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ग़ज़ल मैंने ज़िंदगी सारी इश्क़ में लगाईं है , दिल में दर्द रखता हूँ बस यही कमाई है ! उसकी शोख़ नज़रों ने बात ये बताई है , दिल उसी का दिल होगा जिसने चोट खाई है ! मैं भी बेसहारा हूँ मुझपे भी नज़र कर दो , तुमने तो हज़ारों की ज़िंदगी बनाई है ! छोड़ कर गली दिल की , मैं कहीं नहीं जाता , उसके पास रहता हूँ जिससे आशनाई है ! ज़ाहिदों के चक्कर से दूर है जुनू मेरा , मैं उधर न जाऊँगा मेरी तो लड़ाई है ! आपने हर लम्हा मेरा ध्यान रखा है , जो भी वफ़ा नहीं करता , उसमे बेवफ़ाई है ! मौज हो की तूफां हो मैं कभी न डूबूँगा , नाव भी उन्ही की है जिनकी ना ख़ुदाई है ! जब से आ गया हूँ मैं कूच-ए-मोहब्बत में , हाथ में उसी दिन से कासा-ए-गदाई है ! नासिर अपने हाथों में जाम ले नहीं सकता , उसकी जान की दुश्मन उसकी पारसाई है ! - नासिर जौनपुरी Niyaz_18.12.1998 https://youtu.be/WEydd7ZDkOw