GEET_MERI ANKHEN DARPAN HAIN _ मेरी ऑंखें दर्पण हैं _KK SHUKLA
GEET
– KK SHUKLA
गीत
मेरी ऑंखें दर्पण हैं,
यदि प्रतिबिम्ब देख पाओ,
पाओगे अपनी छाया,
मेरे पास अगर आओ
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आँखों
में टिकता वो ही,
हो
जो स्नेहिल भाव भरा,
सहज
सरल निर्मल जितना,
उतना
रहता बना हरा,
इसी
हरेपन में डूबें,
तुम
भी साथ हंसो गाओ,
मेरे
पास अगर आओ
मेरी
ऑंखें दर्पण हैं,
यदि
प्रतिबिम्ब देख पाओ
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सम्मोहन
पलता इनमे,
दृष्टि
दाल कर देखो जो,
पारदर्शिता
ही रहती,
शीशे
में तुम झांको तो,
एक
रूप भीतर बाहर,
छवि
में अंकित इतराओ,
मेरी
ऑंखें दर्पण हैं,
यदि
प्रतिबिम्ब देख पाओ,
पाओगे
अपनी छाया,
मेरे
पास अगर आओ
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गीतकार
के.
के. शुक्ला
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