SUFI SHAYARI 01-02-2025
आपकी बारगाह में जिसको पनाह मिल गई |
उसकी तमाम ज़िन्दगी खुशबुओं में ढल गई ||
कैसे बताएं ज़िन्दगी ज़िन्दगी न थी मगर |
उनके दस्ते नाज़ ने छू लिया सम्हल गयी ||
-हज़रत
शाह मंज़ूर आलम, कानपूर
Comments
Post a Comment