चदरिया झीनी रे झीनी_कबीर दास_प्रदीप श्रीवास्तव_Chadariya Jhinii Re Jhiin...

CHADARIYA JHINI RE JHINI_KABEER DAAS

 

चदरिया झीनी रे झीनी, राम नाम रस भीनी।

चदरिया झीनी रे झीनी

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अष्ट कमल का चरखा बनाया, पाँच तत्व की पूनी।

नौ दस मास बुनन को लागे, मूरख मैली कीनी। १

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जब मोरे चादर बन घर आई, रंगरेज को दीनी।

ऐसा रंग रंगा रंगरेज ने, लालों लाल कर दीनी। २

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चादर ओढ़ शंका मत करियो, दो दिन तुमको दीनी।

मूरख लोग भेद नहिं जाने, दिन दिन मैली कीनी। ३

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ध्रुव प्रह्लाद सुदामा ने ओढ़ी, शुकदेव ने निर्मल कीनी।

दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी, ज्यों की त्यों धरि दीनी। ४

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- कबीर दास

 

https://youtu.be/-bWVJFjMMyg


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