धर्मार्थियों पर हमला
अमरनाथ यात्रा पर आतंकियों का हमला
धर्मार्थियों पर हमला ? मतलब सीधा तमाचा ? अब बहुत हो गया मोदी जी से अपील है की सबसे पहले अपनी टीम के सिकुलरो को बाहर करिये ...एक सप्ताह के लिये मीडिया बैन करके दुनियां ज़हा को भूल कर एक तरफ से सफाया शुरू करिये । ज़िस तरह मुज़फरनगर के युवक के आतंक में नाम आने पर उसके परिवार को हिरासत में लिया गया है ..उसी तरह सलाउद्दीन जैसो के सभी सपोलो को अंदर करें ....गद्दारो को और आतंकियों को कब्र में दफनाने की बजाए जलाया जाए जिससे ज़मीन पर उनका नामो निशान मिट जाए क्योंकि आतंकियों और देशद्रोहियों का कोई भी मज़हब नही होता है। अगर मज़हब होता और उसकी मानते तो निहत्थे धर्मार्थियों और निहत्थे लोगों पर ऐसा न करते । जो भी नेता सेकुलरीजम की दुहाई दे कर इनका बचाव करें उन पर आतंकियों को समर्थन और सहयोग देने के लिए देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करके विशेष न्यायालय से तीन माह केन्तर्गत निर्णय ले कर ऐसी सख्त सजा दी जाए जिसे सुनकर कोई देशद्रोही बनने की हिम्मत न कर सके । याद रखिये ज़िसके घर में कलह होती है पडोसी उसे भाव नही देते । समस्या बार् पर नही अंदर है समस्या उन लोगों से है जो खाते हिंदुस्तान का हैं और बजाते पाकिस्तान की हैं । यकीन मानिये पकिस्तान क्या चीन की समस्या हमेशा के लिये खत्म हो जायेगी..
और हां सभी सेकुलर नेताओं के द्वारा कड़ी निंदा नही चाहिए उनका निर्णायक निर्णय चाहिए ।
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