नीतीश का मुख्य मंत्री पद से इस्तीफा

नीतीश का इस्तीफा -
नई दिल्ली: बिहार की जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस की महागठबंधन सरकार में लंबे समय से चल रहे विवाद के कारण दलों के बीच बढ़ती जा रही दरार आखिरकार खाई में तब्दील हो गई. इस गठबंधन सरकार की परिणति नीतीश कुमार द्वारा गवर्नर को इस्तीफा देने के साथ हुई.     

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर बिहार की राजनीति में जारी खींचतान चरम पर पहुंच गई. बुधवार को जेडीयू विधायक दल की बैठक खत्म होने के बाद सीएम नीतीश कुमार राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलने गए.

इससे पहले आरजेडी की बैठक हुई और बैठक के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर कहा कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी से इस्तीफा मांगा ही नहीं है. लालू यादव ने बीजेपी पर आरोप साधते हुए कहा कि बीजेपी नीतीश पर डोरे डाल रही है. बीजेपी की लार नीतीश पर टपक रही है. उन्होंने कहा कि नीतीश से मेरी बात होती रहती है, वही महागठबंधन के नेता हैं. तेजस्वी यादव ने भी कहा कि जनता ने महागठबंधन को चुना है. इस्तीफा जब मांगा ही नहीं गया तो देने का सवाल ही नहीं है.

राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआई की प्राथमिकी को लेकर उपमुख्यमंत्री और अपने पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफे को आज खारिज कर दिया. आगामी 28 जुलाई से बिहार विधानमंडल के शुरू हो रहे मानसून सत्र को लेकर राजद विधानमंडल दल की बैठक के बाद लालू ने तेजस्वी के इस्तीफे को खारिज कर दिया.

जेडीयू के सूत्रों ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारा कर दिया है कि तेजस्वी यादव को इस्तीफा देना होगा. वहीं आरजेडी की ओर से कहा गया कि वे इस्तीफा नहीं देंगे.

पिछले कुछ महीनों से बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने बिहार की सत्ता में अहम किरदार निभाने वाले लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर सीधे-सीधे भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर शेल (फर्जी) कंपनी के जरिए कथित तौर पर ‘बेनामी संपत्ति’ अर्जित करने के बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि लगाए गए आरोप कम्पनी कानून से संबंधित हैं जो केन्द्र सरकार के दायरे में आता है.

कई मीडिया हाउस और रिपोर्टरों ने नीतीश कुमार की इस टिप्पणी को नीतीश की क्लीनचिट करार दिया. लेकिन, नीतीश कुमार ने इशारों इशारे में विपक्ष को जांच कराने की चुनौती भी दे डाली. इनकी इस बात से तेजस्वी यादव काफी नाराज हो गए.

तेजस्वी यादव ने अपनी इस नाराजगी को दो ट्वीट के जरिए साझा भी किया. एक रीट्वीट में उन्होंने संदेश कहा कि आखिर क्यों मीडिया विपक्ष पर ही हमलावर है जबकि बीजेपी के घोटालों को नजरअंदाज किया जा रहा है. दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी पर लगे आरोपों की जांच क्यों नहीं हो.

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े 22 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापे मारे, और बताया गया है कि ये छापे लालू परिवार पर लगाए गए बेनामी संपत्ति बनाने के आरोपों के मामले में डाले गए हैं.

बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद यादव की बेटी और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती पर देश की राजधानी दिल्ली में करोड़ों रुपये कीमत की ज़मीन को कौड़ियों के भाव खरीदने का आरोप लगाया था. सुशील कुमार मोदी का दावा था मीसा भारती ने अपने पति के साथ मिलकर शेल कंपनियों के ज़रिये यह ज़मीन खरीदी थी.

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मीसा भारती ने अपने पास मौजूद काले धन को अपनी कंपनियों मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड के शेयरों की संदिग्ध खरीद-फरोख्त के ज़रिये सफेद बनाया. यह कंपनी वर्ष 2002 में एक लाख रुपये के निवेश से शुरू की गई थी.

सुशील कुमार मोदी का आरोप है कि मीसा और उनके पति शैलेश कुमार ने वर्ष अक्टूबर, 2008 में अपनी कंपनी के 10 रुपये फेस वैल्यू वाले शेयर वीरेंद्र जैन की शालिनी होल्डिंग्स को 100 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर बेचे, और 1.20 करोड़ रुपये हासिल किए.

सुशील कुमार मोदी ने मीसा की आय के स्रोत को चुनौती देते हुए यह सवाल भी किया था कि मीसा भारती ने चुनाव आयोग को दिए अपने एफिडेविट में उसका ज़िक्र क्यों नहीं किया था.

नीतीश कुमार ने कहा है कि जिन्होंने आरोप लगाया है (सुशील मोदी) यदि उन्हें लगता है कि आरोप सही हैं तो उन्हें आगे बढ़ना चाहिये, कानून का सहारा लें, जांच कराएं, सिर्फ वक्तव्य न दें. उन्होंने कहा कि लगाए गए आरोप कम्पनी कानून से संबंधित है जो केन्द्र सरकार के दायरे में आता है.

सीबीआई ने 7 जुलाई को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज करने के बाद 12 स्थानों पर छापेमारी की.

सीबीआई ने बताया कि यह पूरी साजिश 2004 से 2014 के बीच में रची गई जिसके तहत पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों के नियंत्रण को पहले आईआरसीटीसी को सौंपा गया और फिर इसका रखरखाव, संचालन और विकास का काम पटना स्थित ''सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड'' को दे दिया गया.

सीबीआई ने कहा, ''आरोप यह है कि 2004 से 2014 के बीच निविदाएं देने की इस प्रक्रिया में धांधली की गई और निजी पक्ष (सुजाता होटल) को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा की शर्तो को हल्का कर दिया गया. इसके बदले में पूर्वी पटना में तीन एकड़ जमीन को बेहद कम कीमत पर 'डिलाइट मार्केटिंग' को दिया गया जो कि लालू यादव के परिवार के जानकार की है.

ईडी सीबीआई की एफआईआर का जायजा ले रहा है कि इसके आधार पर लालू और उनके बेटे यानी बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग का मामला बनता है या नहीं. ईडी पहले ही मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार से पूछताछ कर चुकी है.

अब बीजेपी ने साफ किया है कि नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल से तेजस्वी यादव से इस्तीफा लें या फिर उन्हें बर्खास्त करें.
NdTv INDIA

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