SHAYRI

रोज़ जो नाम मेरे ज़ख्म एक नया लिखता  है
सुना है वो हर मर्ज़ की दवा लिखता है !!
वो लिखता है तो लहरें कर मिटा देती हैं !
ना जाने दीवाना रेत पर ऐसा क्या लिखता है !!

~ सहल

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