GHAZAL - HANGAMA HAI KYUN BARPA - AKBAR ALLAHABADI


HANGAM HAI KYUN BARPA
हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है !डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की है !! ना तजरुबा-कारी से, वाइज़ की ये बाते हैं !इस रंग को क्या जाने, पूछो तो कभी पी है !! उस मय से नहीं मतलब दिल जिससे है बेगाना !मक़सद है उस मय से, दिल ही में जो खिंचती है !! वां दिल में, कि सदमे दो, यां  जी में, कि सब सह लो !उनका भी अजब दिल है, मेरा भी अजब दिल है !! हर ज़र्रा चमकता है अनवारे ईलाही से !हर सांस ये कहती है, हम हैं तो ख़ुदा भी है !! सूरज में लगे धब्बा, फ़ितरत  के करिश्मे हैं !बूत हमको कहे काफ़िर अल्लाह की मर्ज़ी है !!


अकबर अलाहाबादीनाम : सैयद अकबर हुसैनजन्म : १६नवंबर १९४६इलाहबादरचना : कुलियाते अकबर


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