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Showing posts from April, 2021

Bhajan_Bol Ree Meri Maina Rani Bol Re Tota Ram_Pradeep Srivastava , Ghaz...

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BHAJAN_BOL REE MERI MAINA RANI BOL RE TOTA RAM_SINGER & COMPOSER_PRADEEP SRIVASTAVA भजन बोल री मेरी मैना रानी गायक - कम्पोज़र : प्रदीप श्रीवास्तव गीतकार: सुशील कानपुरी स्थान : शिवमंदिर , मॉडल टाउन , पांडव नगर , कानपुर https://youtu.be/McBBhTiVn3o

चुनाव की बेदी पर एक परिवार और उजड़ गया |

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चुनाव की बेदी पर एक परिवार और उजड़ गया | कानपुर नगर के पूर्व पुलिस सर्किल ऑफिसर और लोगों के चहेते पुलिस अधिकारी रह चुके श्री दीवान गिरी के योग्य पुत्र , समाज सेविका नूपुर राही के पति , जाने माने गीत कार देवी प्रसाद राही  के दामाद और हम सब के चहेते मित्र दिव्य दृष्टि अब हमारे बीच में नहीं हैं | चुनाव की ड्यूटी के दौरान उनकी तबियत अचानक ख़राब हो गई उन्हें वापस लाना पड़ा पता चला कि वो कोरोना पॉज़िटिव हो गए | फिर उन्हें न ही उर्सला अस्पताल और ना ही हैलट में जगह मिल पाई , बाद में निजी अस्पताल ले जाते समय  चुनाव करवाने की हटधर्मिता की बलि चढ़ गए | इसका ज़िम्मेदार कौन ? क्या चुनाव आयोग ? क्या कुम्भ मेले का आयोजन ? क्या होली के हुड़दंग की भीड़ या लोगों की ना समझी ? सभी दोषी हैं | मार्च तक कोरोना का ग्राफ बिलकुल डाउन था | लोगों ने , यहाँ तक सरकार ने यही समझ लिया की कोरोना ख़तम हो गया और लापरवाह हो गए | फिर अचानक कोरोना का प्रकोप बढ़ने लगा और अब बेकाबू हो गया है ! संसाधनों के अभाव में हज़ारों जाने जा चुकी और जा रही हैं जिसको रोक पाना अभी फिलहाल संभव नहीं है |   इसमें सभी ज़िम्मेदार हैं :

जयंती व जन्मोत्सव में क्या अंतर है?

 क्या आप जानते है जयंती व जन्मोत्सव में क्या अंतर है? जयंती उन लोगों की मनाई जाती है जिनका कभी जन्म हुआ किंतु अब वे परमधाम में वास करते हैं ।इसके उलट जन्मोत्सव या जन्मदिवस उन लोगो का मनाया जाता है जो जन्म से अब तक हमारे बिच जीवित हैं एवं पृथ्वीलोक पर ही निवास करते हैं । मित्रों, मैं आज आप से कुछ निवेदन करने आया हूँ।  आप सभी ये अच्छी तरह से जानते है कि रामभक्त हनुमान अमर है, चिरंजीवी है अर्थात हनुमान जी सदैव धरती पर है और रहेंगे, क्योंकि उन्हें अमरता का वरदान प्राप्त है। “चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा |” हनुमान जी सनातन धर्म शास्त्रों में उल्लेखित अष्टचिरंजीवियों में से एक है; उन्हें अमरता का वरदान कैसे प्राप्त हुआ, इससे सम्बंधित दो घटनाएं रामायण में उल्लेखित है :- जब भगवान हनुमान छोटे थे, तब एक बार उन्होंने सूर्य को फल समझ कर खा लिया था। तब इंद्र ने क्रोधित होकर अपने वज्र से हनुमान जी पर प्रहार किया, जिसके कारण हनुमान जी बेहोश हो गए। तब व्यथित होकर पवन देव ने सम्पूर्ण पृथ्वी पर वायु का बहाव रोक दिया, तब ब्रम्ह देव ने हनुमान जी को अमरत्व का वरदान दिया।दूसरी घटना के अन

खुद को बड़ा कर लो

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एक बार एक नवयुवक गौतम बुद्ध के पास पहुंचा और बोला “महात्मा जी, मैं अपनी ज़िन्दगी से बहुत परेशान हूँ , कृपया इस परेशानी से निकलने का उपाय बताएं।  बुद्ध बोले: “पानी के ग्लास में एक मुट्ठी नमक डालो और उसे पियो..।” युवक ने ऐसा ही किया.। “इसका स्वाद कैसा लगा.?” बुद्ध ने पुछा। “बहुत ही खराब, एकदम खारा” – युवक थूकते हुए बोला.। बुद्ध मुस्कुराते हुए बोले: “एक बार फिर अपने हाथ में एक मुट्ठी नमक लेलो और मेरे पीछे-पीछे आओ। दोनों धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगे और थोड़ी दूर जाकर स्वच्छ पानी से बनी एक झील के सामने रुक गए। “चलो, अब इस नमक को पानी में दाल दो बुद्ध ने निर्देश दिया।" युवक ने ऐसा ही किया.। “अब इस झील का पानी पियो”, बुद्ध बोले.। युवक पानी पीने लगा, एक बार फिर बुद्ध ने पूछा: “बताओ इसका स्वाद कैसा है, क्या अभी भी तुम्हे ये खारा लग रहा है. ?”  “नहीं, ये तो मीठा है , बहुत अच्छा है ”, युवक बोला.। बुद्ध युवक के बगल में बैठ गए और उसका हाथ थामते हुए बोले: “जीवन के दुःख बिलकुल नमक की तरह हैं, न इससे कम ना ज्यादा.। जीवन में दुःख की मात्रा वही रहती है, बिलकुल वही।  लेकिन हम कितने दुःख का स्वाद लेते हैं

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN 16 AUGUST, 2006_PART-2A

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN 16 AUGUST, 2006_PART-2A पूज्यनीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब ' अपने जीवन काल में हर चौमासे पर चिल्ला पूर्ण होने के बाद महफ़िल और नियाज़ का आयोजन करवाते थे | उस दौरान हुज़ूर साहेब अपने आशिक़ और अपने मुरीदों को अमृतवचन से नवाज़ते थे | आप के अमृत वचन जीने का एक सहारा बन गए हैं |   इसी क्रम में 16 अगस्त 2006 में हुज़ूर साहेब ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को नवाज़ा वो आपकी ख़िदमत में पेश है | उस समय रिकॉर्डिंग कैसेट में की जाती थी और कैसेट में एक साइड पर 30 मिनट की रिकॉर्डिंग होती थी | कैसेट ख़तम होने पर कैसेट को पलट कर दोबारा लगाने पर काफ़ी हिस्सा छूट जाता था इसलिए वो कंटीन्यूटी नहीं बन पाती थी जो कि उस वक़्त संभव नहीं था उसके लिए आपसे मुआफ़ी चाहूंगा |   जो भी रिकॉर्डिंग हुई है इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/qXIEo6djx4s

लाशों से मांस नोचने वाले इंसानी गिद्ध

::- लाशों को नोचने वाले इंसानी गिद्ध ::- पीएम, सीएम, सांसद, विधायक,पार्षद सबको गाली दे लीजिए लेकिन , यह जो 700- 800 का ऑक्सीमीटर 3000+ में बेच रहे यह हम हैं! जो ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर रहे यह हम हैं! यह जो रेमडेसीविर को 20000+ प्लस में बेच रहे यह हम हैं! यह जो श्मशान की लकड़ियों में बेईमानी कर रहे यह हम हैं! नारियल पानी हो फल, सब्जी, अंडा, चिकन, दाल में लूट करने से लेकर अस्पतालों में बेड दिलाने तक का झांसा यह सब लोग जिन्होंने लूट मचा रखी है यह हम हैं, जिस देश में जिसको जहां मौका मिला तो लूटने में लग गया, यहाँ कोई भी व्यक्ति सिर्फ तब तक ही ईमानदार है जबतक उसको चोरी करने का या लूटने का मौका नही मिलता। हम कितनें मासूम हैं.. #जो लॉक डाउन की खबर सुनते ही गुटके की कीमत ₹5 से ₹7 कर देते हैं..🙄 #जो डॉक्टरों द्वारा विटामिन सी  अधिक लेने की कहने पर 50 रुपये प्रति किलो का नींबू 150 रुपये प्रति किलो बेचने लगते हैं..🙄 #जो 40-50 रुपए का बिकने वाला नारियल पानी ₹100 का बेचने लगते हैं..🙄 #जो मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी सुनते हैं, तो ऑक्सीजन की कालाबाजारी शुरू कर देते हैं..🙄 #जो दम त

हुज़ूर साहेब फरमाते हैं : कि सब्र रखना चाहिए

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हुज़ूर साहेब फरमाते हैं : कि सब्र रखना चाहिए   सब्र रखने के मायने हैं कि इन मुसीबतों के बाद बेहतरी ज़रूर आयेग , एक मुद्द्त तक इंतज़ार करना रज़ा के साथ | अपने परवरदिगार से जुड़े हुए ध्यान बांधे हुए , उसकी बंदगी में खुद को लगाए हुए , बिला किसी शिकवा शिकायत के बिला मुंह बिगाड़े हुए , बिला झुंझलाहट के , बिला किसी ग़म और गुस्से के निहायत सुकून के साथ इंसानी तरीके के साथ इंतज़ार करना , अँधेरी रात के सुबह होने तक | और दूसरा  तरीका है की अल्लाह के सामने गेंद की तरह बन जाओ | गेंद खामोश रहता है कोई शिकवा शिकायत नहीं करता है , पैर से इधर मार दिया उधर चला गया , पैर  से उधर मार दिया इधर चला गया | उछाल दिया गया उछल गया गिरा दिया गया गिर गया अर्थात पैदा करने वाले परम पिता परमेश्वर के सामने गेंद की तरह बन जाओ | अगर तुमने उसको खुश रखा अपनी बातों से , अपने कुछ कहने सुनने से उसे तकलीफ नहीं पहुंचाई तो वो अपनी तमाम मर्ज़ी कर लेने के बाद तुमको ऐसे मुकाम पे पहुंचा देगा जहां ठंडक ही ठंडक होगी , सुकून ही सुकून होगा , स्वर्ग की ज़िंदगी बहिश्त की ज़िंदगी इसी का नाम है | - हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही |

-:: दूसरी कोरोना लहर कहीं भारत के विरुद्ध सुनियोजित जैविक युद्ध तो नहीं है ? ::

  -::   दूसरी कोरोना लहर कहीं भारत के विरुद्ध सुनियोजित जैविक युद्ध तो नहीं है ? ::-   क्या आप मानते हैं कि भारत में वर्तमान में फैली हुई महामारी की दूसरी लहर वायरस के सामान्य रूप से फैलने के कारण आई है ? एक पखवाड़े पहले तक मैं यही मानता था कि यह दूसरी लहर है , पर अब बहुत गहरा संदेह घर कर गया है मेरे मन में।   आप संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप की स्थिति देखिए।‌ पाकिस्तान , बांग्लादेश , नेपाल , भूटान। इन देशों में या एशिया के किसी अन्य देश में कोई दूसरी लहर नहीं आई। आज वहाँ वैसी ही स्थितियाँ हैं जैसी स्थितियाँ दो-ढाई महीने पहले भारत में थीं। फिर यह बम भारत में ही कैसे फटा ? क्या उन सभी देशों के नागरिक भारतीयों से बहुत अधिक अनुशासित हैं ? क्या वे महामारी से बचने के लिए चौबीस घंटे मास्क पहने रहते हैं ? नहीं! क्या उनकी भौगोलिक स्थिति भारत से भिन्न है ? नहीं! फिर , दूसरी लहर इन देशों को छू भी नहीं सकी और भारत को तोड़ रही है , क्यों ?   आईसीएमआर पहली वेव के समय कह चुकी है कि भारत में करोड़ों लोगों को यह बीमारी हो गई और उन्हें पता भी नहीं चला तो जब करोड़ों लोग इसे झेल गए , उनमें रोग प्

संघ का स्वयं सेवक

-:: संघ का स्वयंसेवक ::- नागपुर के संघ के बचपन से स्वयंसेवक 85 वर्षीय नारायण दाभड़कर पिछले दिनों कोरोना से संक्रमित हो गए । उनकी पुत्री ने कई दिनों की भागदौड़ के बाद वहां के इंदिरा गांधी अस्पताल में उनके लिए एक बेड की व्यवस्था की, तब तक उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था । जिस समय उनकी पुत्री की पुत्रवधू उन्हें लेकर अस्पताल गई उस समय वे बड़ी मुश्किल से सांस ले पा रहे थे । अभी हॉस्पिटल में उन्हें भर्ती करने की औपचारिकताएं पूरी हो ही रही थी कि उनकी नजर एक रोती बिलखती महिला पर पड़ी, जो अपने पति के लिए अस्पताल वालों से एक बेड के लिए विनती कर रही थी । उसके 40 वर्षीय पति को भी तुरंत ऑक्सीजन देने की आवश्यकता थी जो कि कोरोना से संक्रमित था ! वहीं खड़े उसके बच्चे बिलख बिलख कर रो रहे थे !  दाभड़कर काका ने तुरंत निर्णय लेते हुए वहां मौजूद मेडिकल स्टाफ से बड़े ही शांत मन से कहा, "मैं 85 वर्ष का हो चुका हूं, मैंने अपनी जिंदगी जी ली है, आपके पास यदि कोई बेड खाली नहीं है तो मेरे लिए आरक्षित बेड इस महिला के पति को देकर उसकी जान बचाईए, उसके परिवार को उसकी जरूरत है !",  इसके बाद उन्होंने अपनी

बेशर्मी ब्लैक करने वालों की,

-:: काबे किस मूंह से जाओगे गालिब, शर्म तुमको मगर नही आती!::- जैसे-जैसे कोरोना की आपदा बढ़ रही है व लोकडाउन की घोषणाएं हो रही है वैसे-वैसे भारतीयता का नँगापन व टुच्चापन अपने असली रूप में अवतरित हो रहा है! बाजार में कालाबजारी व जमाखोरी अपने उफान पर है।एक रुपये की वस्तु के बीस रुपये लिए जा रहे हैं।दिहाड़ी मजदूर अपनी थोड़ी सी जमा पूंजी से ये लोकडाउन कैसे निकालेंगे? यही जमाखोर व्यापारी सबसे अधिक सरकार को गालियां निकालते हुए मिलेंगे! मिडिल क्लास की भी कमर टूट गई है।सब बदहवास हो रहे हैं।   बताइए कोई गरीब व्यक्ति ये सब अफॉर्ड कर पायेगा? इस संकट की घड़ी में लोगों का लालच व नँगापन देखकर बार-बार गालिब याद आ रहे हैं---- काबे किस मूंह से जाओगे गालिब, शर्म तुमको मगर नही आती!

JAY HANUMAN GYAN GUN SAGAR - PRADEEP SRIVASTAVA, GHAZAL SINGER

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जय हनुमान ज्ञान गुन  सागर - प्रदीप श्रीवास्तव  https://youtu.be/qy4HAxk8-CE

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN 16 AUGUST, 2006_PART-1B

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN 16 AUGUST, 2006_PART-1B पूज्य्नीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब ' अपने जीवन काल में हर चौमासे पर चिल्ला पूर्ण होने के बाद महफ़िल और नियाज़ का आयोजन करवाते थे | उस दौरान हुज़ूर साहेब अपने आशिक़ और अपने मुरीदों को अमृतवचन से नवाज़ते थे | आप के अमृत वचन जीने का एक सहारा बन गए हैं |  इसी क्रम में 16 अगस्त , २००६ में हुज़ूर साहेब ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को जो कहा वो आपकी ख़िदमत में पेश है और इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | आपका सेवक , प्रदीप श्रीवास्तव +919984555545 https://youtu.be/-pMhpcnLgTU

रेमडेसिविर

सालभर में जैसे तैसे किसी तरह "क्वारन्टीन" बोलना सीखा ही था कि ... ये "रेमडेसिवर" आ गया...  आज medical store पर एक ग्राहक ने पूछा राम देव सर कहाँ मिलेंगे बहुत दिमाग़ लगाया तो समझ में आया बंदा Remdesivir के बारे में पूँछ रहा हैं।। 

डर

एक नर्स लंदन में ऑपरेशन से दो घंटे पहले मरीज़ के कमरे में घुसकर कमरे में रखे गुलदस्ते को संवारने और ठीक करने लगी। ऐसे ही जब वो अपने पूरे लगन के साथ काम में लगी थी, तभी अचानक मरीज़ से पूछा "सर आपका ऑपरेशन कौन सा डॉक्टर कर रहा है?" नर्स को देखे बिना मरीज़ ने अच्छे लहजे में कहा "डॉ. जबसन।" नर्स ने डॉक्टर का नाम सुना और आश्चर्य से अपना काम छोड़ते हुए मरीज़ के पास पहुँची और पूछा "सर, क्या डॉ. जबसन ने वास्तव में आपके ऑपरेशन को स्वीकार किया हैं? मरीज़ ने कहा "हाँ, मेरा ऑपरेशन वही कर रहे है।" नर्स ने कहा "बड़ी अजीब बात है, विश्वास नहीं होता" परेशान होते हुए मरीज़ ने पूछा "लेकिन इसमें ऐसी क्या अजीब बात है?" नर्स ने कहा "वास्तव में इस डॉक्टर ने अब तक हजारों ऑपरेशन किए हैं उसके ऑपरेशन में सफलता का अनुपात 100 प्रतिशत है । इनकी तीव्र व्यस्तता की वजह से इन्हें समय निकालना बहुत मुश्किल होता है। मैं हैरान हूँ आपका ऑपरेशन करने के लिए उन्हें फुर्सत कैसे मिली? मरीज़ ने नर्स से कहा "ये मेरी अच्छी किस्मत है कि डॉ जबसन को फुरसत मिली और वह मेरा ऑप

Aaj Rang Hai Hey Maa Rang Hai Ri_आज रंग है ऐ माँ रंग है री _Saleem Sabri...

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आज रंग है ऐ माँ रंग है री - हज़रत अमीर खुसरो सलीम साबरी तनवीर साबरी , कलियर शरीफ़ दिनांक ११ अप्रैल , २०२१ को खानकाह मौजशाही , कानपुर https://youtu.be/MBPz-jG4QMw   आज रंग है ऐ माँ रंग है री / अमीर खुसरो आज रंग है ऐ माँ रंग है री , मेरे महबूब के घर रंग है री। अरे अल्लाह तू है हर , मेरे महबूब के घर रंग है री।   मोहे पीर पायो निजामुद्दीन औलिया , निजामुद्दीन औलिया-अलाउद्दीन औलिया। अलाउद्दीन औलिया , फरीदुद्दीन औलिया , फरीदुद्दीन औलिया , कुताबुद्दीन औलिया। कुताबुद्दीन औलिया मोइनुद्दीन औलिया , मुइनुद्दीन औलिया मुहैय्योद्दीन औलिया। आ मुहैय्योदीन औलिया , मुहैय्योदीन औलिया। वो तो जहाँ देखो मोरे संग है री।   अरे ऐ री सखी री , वो तो जहाँ देखो मोरो (बर) संग है री। मोहे पीर पायो निजामुद्दीन औलिया , आहे , आहे आहे वा। मुँह माँगे बर संग है री , वो तो मुँह माँगे बर संग है री।   निजामुद्दीन औलिया जग उजियारो , जग उजियारो जगत उजियारो। वो तो मुँह माँगे बर संग है री। मैं पीर पायो निजामुद्दीन औलिया। गंज शकर मोरे संग है री।