जयंती व जन्मोत्सव में क्या अंतर है?

 क्या आप जानते है जयंती व जन्मोत्सव में क्या अंतर है?

जयंती उन लोगों की मनाई जाती है जिनका कभी जन्म हुआ किंतु अब वे परमधाम में वास करते हैं ।इसके उलट जन्मोत्सव या जन्मदिवस उन लोगो का मनाया जाता है जो जन्म से अब तक हमारे बिच जीवित हैं एवं पृथ्वीलोक पर ही निवास करते हैं ।

मित्रों, मैं आज आप से कुछ निवेदन करने आया हूँ।  आप सभी ये अच्छी तरह से जानते है कि रामभक्त हनुमान अमर है, चिरंजीवी है अर्थात हनुमान जी सदैव धरती पर है और रहेंगे, क्योंकि उन्हें अमरता का वरदान प्राप्त है।

“चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा |”

हनुमान जी सनातन धर्म शास्त्रों में उल्लेखित अष्टचिरंजीवियों में से एक है; उन्हें अमरता का वरदान कैसे प्राप्त हुआ, इससे सम्बंधित दो घटनाएं रामायण में उल्लेखित है :-

जब भगवान हनुमान छोटे थे, तब एक बार उन्होंने सूर्य को फल समझ कर खा लिया था। तब इंद्र ने क्रोधित होकर अपने वज्र से हनुमान जी पर प्रहार किया, जिसके कारण हनुमान जी बेहोश हो गए। तब व्यथित होकर पवन देव ने सम्पूर्ण पृथ्वी पर वायु का बहाव रोक दिया, तब ब्रम्ह देव ने हनुमान जी को अमरत्व का वरदान दिया।दूसरी घटना के अनुसार जब श्री राम अपने भाई भरत व शत्रुघ्न के साथ जल समाधी लेने जा रहे थे। तब श्री राम ने हनुमान जी को आदेश दिया कि वे सदैव पृथ्वी पर रहे तथा आसुरी शक्तियों का नाश करते रहे।

आज भी कई स्थानों पर प्रमाण मिलते है, जिससे ये साफ़ पता चलता है की हनुमान जी आज भी पृथ्वी पर है तथा श्री राम के दिए हुए आदेश का पालन कर रहे है। किवंदतियों के अनुसार आज भी कई आदिवासी जनजातियों, विशेषकर श्रीलंका में स्थित आदिवासियों को श्री हनुमान विशेष समयांतराल में दर्शन देते हैं |

रामायण के अनुसार, हनुमान जी अमर है, चिरंजीवी है अर्थात कलियुग के अंत तक हनुमान जी पृथ्वी पर रहेंगे। तो क्यों न हम हनुमान जयंती के स्थान पर इसे हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाये।

आप सभी इस बात को प्रसारित करें एवं आज से ही हनुमान जयंती नहीं हनुमान जन्मोत्सव कहना प्रारंभ करें | सभी रामभक्त एवं हनुमानभक्त विभिन्न मंदिरों में जाए एवं सभी लोगो को प्रेरित करें |

🌹जय जय सियाराम बोलना तो पड़ेगा जी🌹

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