शहीद राजगुरु


24 अगस्त 1908 - महान क्रांतिकारी शिवराम हरि राजगुरु को जन्म जयन्ती पर कोटि कोटि नमन।
         वाराणसी में विद्याध्ययन करते हुए राजगुरु का सम्पर्क अनेक क्रान्तिकारियों से हुआ। चन्द्रशेखर आजाद से इतने अधिक प्रभावित हुए कि उनकी पार्टी हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी से तत्काल जुड़ गये। आजाद की पार्टी के अन्दर इन्हें रघुनाथ के छद्म-नाम से जाना जाता था; राजगुरु के नाम से नहीं। पण्डित चन्द्रशेखर आज़ाद, सरदार भगत सिंह और यतीन्द्रनाथ दास आदि क्रान्तिकारी इनके अभिन्न मित्र थे। राजगुरु एक अच्छे निशानेबाज भी थे। साण्डर्स का वध करने में इन्होंने भगत सिंह  का पूरा साथ दिया था, जबकि चन्द्रशेखर आज़ाद ने छाया की भाँति इन तीनों को सामरिक सुरक्षा प्रदान की थी।
        23 मार्च 1931 को  भगत सिंह तथा सुखदेव के साथ लाहौर सेण्ट्रल जेल में फाँसी का फंदा चूमकर  शिवराम राजगुरु ने अमरत्व प्राप्त किया। वन्दे मातरम।
-शैलेन्द्र दुबे

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