शायरी - तेज धारों

तेज़ धारों पर मियाँ, कश्ती चलाना और है !
बैठ के साहिल पे ,तदबीरें बताना और है !!
मस्जिदों तक चल के जाना, सर झुकाना और है !
भूख से रोते हुए बच्चे को हँसाना और है !!
~अक्स वारसी

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