Shayri - Phool Mohabbat ka

फूल मुहब्बत का खिल जाता तो अच्छा था !
रूप तुम्हारा सामने आ जाता तो अच्छा था !!
बहुत  बिताया मैने  तन्हा रह कर यह जीवन !
साथ तुम्हारा गर जो मिल जाता तो अच्छा था !!
-राकेश नमित

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH