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Showing posts from October, 2022

माँ के पैरों में

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मांगने पर जहाँ पूरी हर मन्नत होती है , माँ के पैरों में ही तो वो जन्नत होती है।  

He Krishna Govind Hare Murari_हे कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी_Pradeep Sriva...

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He Krishna Govind Hare Murari_ हे कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी_Pradeep Srivastava   https://youtu.be/RlZUhpSZ13A   Bh ajan – He Krishna Govind Harey Murari Singer – Pradeep Srviastava K.Bord – Ankit Tabla – Akhilesh Soni Chours – Dinesh Singh Video Recording – Narendra Sharma Zee Video Editing & Singer – Pradeep Srivastava @ +91 9140886598

Huzur Saheb Ke Amritwachan_हुज़ूर साहेब के अमृतवचन - 26 October-1982

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विश्व का सबसे गन्दा इंसान_The Most Dirty Man of the world_Amu Haji

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https://youtu.be/FxSGWMJsdfQ

माँ को समर्पित_माँ मुझे अपने आँचल में छुपा ले_

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माँ को समर्पित _ माँ मुझे अपने आँचल में छुपा ले_ स्व. रामेश्वरी देवी ( निर्वाण दिवस 19 अक्टूबर, २०२२ ) https://youtu.be/W1mJki78xjU

ISRO WALI DIWALI 2022

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THIS IS THE REAL BLAST & LIGHTING ON DIWALI – LAUNCH OF LVM3 CARRYING 36 SATELLITES   https://youtu.be/qd4ViJDpxqI     Launch of LVM3 carrying 36 satellites onboard on ISRO-Wali Diwali-2022 . This is first Indian rocket with six ton payload. All the satellites placed in their orbits successfully. Congratulations ISRO

KANHA BAJAYE JAB BHI APNI MURALIYA_TRIBUTE TO DR. MANJU BHATIA, FOUNDER ...

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KANHA BAJAYE JAB BHI APNI MURALIYA_TRIBUTE TO DR. MANJU BHATIA, FOUNDER OF SWARAJ VRADDHA ASHARAM, KANPUR   https://youtu.be/NU7l72301Vw   स्वराज वृद्धा आश्रम के वार्षिक स्थापना दिवस के अवसर पर १९ सितम्बर २०२१ को आश्रम के प्रांगण में समारोह का आयोजन संस्थापिका श्रीमतीमंजू भाटिया के द्वारा किया गया | इस अवसर पर भजन व् ग़ज़ल गायक प्रदीप श्रीवास्तव के द्वारा प्रस्तुत किया जिस पर भाव विभोर हो कर डॉ. मंजू भाटिया जी झूमने लगी | डॉ मंजू भाटिया जी २० अक्टूबर २०२२ को गोलोकवासी हो गई हैं ये भजन उन्ही को समर्पित है |     प्रदीप श्रीवास्तव # +91 9140886598

CHANDU JI KAHIN HAI --- JHADOO

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  धनतेरस पर चंदूजी पत्नी के साथ बाज़ार खरीदारी पर निकले। पत्नी ने चंदूजी की एक झाडू की दुकान पर ले जाकर. बोली :- ले लीजिये जो-जो पसन्द हो...! कभी बाद में मुझे ऊलहाना, मत देना..??

SHAYARI 18.10.2022

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जमाना हो गया ख़ुद से हमें लड़ते झगड़ते ! हम अपने आप से अब   सुलह करना चाहते हैं !! कोशिश तो रोज़ करते हैं कि वक्त से समझौता कर लें ! कमबख्त दिल के कोने में छुपी "उम्मीद" मानती ही नहीं !!        ज़ोर से मारना मुझ पर नफ़रत का वार   क्योंकि ! नफरत मुझसे टकराकर प्यार में बदल जाती है ! ! इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई , हम न सोए रात थक कर सो गई। उनकी  आँखें  उनका  चेहरा  उनका  पैकर आइना आइने    को   मैंने   देखा    आइना    दर    आइना झील  के  पानी में  उनका  दिलरुबा अक्से  जमील जैसे   रक्खा   हो   सजा   कर   आइने  पर आइना  और बढ़ जाता है दिल की धड़कनों  का सिलसिला  देखते  हैं  जब  कभी  वो  बन   सँवर  कर  आइना  ये   ख़दो-ख़ाल   और  उनके  हुस्न  का ये बाँकपन क्यों  न हो फिर आज उनसे मिलके शशदर आइना वो   मिज़ाजे - वक़्त  से वाक़िफ़ हैं शायद इसलिए एक-जा    होने    नहीं   देते   हैं    पत्थर - आइना ये  दरो-दीवार, आँगन, सह्न , छत और  खिड़कियां वो   रहें   घर  में  तो  है  ये  सारा   मन्ज़र   आइना  हक़  बयानी  से  कभी  ग़ाफ़िल न हो  आसी क़लम वक़्त का होता है   क्यों कि   इक   सुख़नवर आइना -

SHAYARI 14-10-2022

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जब कभी जाने जिगर याद आया वो   मुझे  शामो-सहर  याद  आया जब भी  उतरा  मैं  किसी दरिया में तेरी  आँखों  का  भँवर  याद आया - जीतेन्द्र कुमार नूर -- यूँही बे-सबबन फिरा करो , कोई शाम घर में भी रहा करो वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है उसे चुपके-चुपके पढ़ा करो ! कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से , ये नये मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो ! -- काश की ख़ुदा  ने दिल शीशे के बनाये होते , तोड़ने वाले के हाथों में ज़ख्म  तो आए होते ! -- साँसों का शोर जिस्म की परछाई और मैं , कमरे में दो ही लोगहैं , तन्हाई और मैं ! -- कहाँ पर क्या ' हारना ' है , ये ज़ज्बात , जिसके अंदर है , चाहे दुनियाँ , फकीर समझे , फिर भी , वो ही सिकंदर है ! -- एक बात पुछु जवाब मुस्कुरा के देना , मुझे रुला कर खुश तो होना ? -- आई होगी किसी को हिज़्र मे मौत , मुझको तो नींद भी नहीं आती ! ~ अकबर इलाहाबादी -- इसलिए देख भाल करता हूँ , आईने में हुज़ूर रहते हैं ! ~ अब्दुल हमीद अदम -- तुम आँखों के करीब नही न सही , पर दिल के बहुत ही कर