SHAYARI - 01-10-2022
काश उसे चाहने का अरमान न होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता,
ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान न होता।
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता,
ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान न होता।
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विरासत के दौलतमंद, क्या जाने मेहनत का नशा !
जिंदगी वो नहीं जो अपने पुरखों पे जी जाए !!
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ख़ुदा पास था मेरे फिर भी काफ़िर बनाए रखा...!
चंद ख़्वाहिशों ने मुझे ताउम्र मुसाफ़िर बनाए रखा...!!
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ख़ुद की
समझदारी भी अहमियत रखती है !
वरना अर्जुन
और दुर्योधन के गुरु तो एक ही थे !!
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नाम भी है बदनाम भी हैं और !
सबसे अलग पहचान भी है !
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ना जाने कौन सी साज़िशों के हम शिकार हो गए !
जितना दिल साफ़ रखा उतना गुनहगार हो गए !!
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इलाज ना पूछ तू इश्क़ का, वो होगा ही नहीं.!
इलाज मर्ज का होता है , इबादत का नहीं...!!
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तुम्हारा सिर्फ इन हवाओं पे शक़ गया होगा,
चिराग खुद भी तो जल-जल के थक गया होगा।
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किस किस को याद रखें,किसको भूल जायें
बेहतर ये,कि किसी को हम ही न याद आयें
#अशोक_मसरूफ़
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ज़ुल्म फिर ज़ुल्म है बढ़ता है तो मिट जाता है
ख़ून फिर ख़ून है टपकेगा तो जम जाएगा
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रंग छोड़ते कपड़े और रंग बदलते लोग !
कितना भी ब्रांडेड हों दिल से उतर ही जाते हैं !!
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