आँख उस ने मिलाई तड़प उट्ठा दिल-ए-मुज़्तर !

शुभ रात्रि,
आँख उस ने मिलाई तड़प उट्ठा दिल-ए-मुज़्तर !
ताका था कहीं और पड़ा तीर कहीं और !!
मैं अक्स हूँ आईना-ए-इमकाँ में तुम्हारा !
तुम सा जो नहीं और तो मुझ सा भी नहीं और !!
~ जलील मानिकपूरी

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH