SHAYARI - अब हम इश्क के उस मुक़ाम पर आ चुके हैं !

                 
अब हम इश्क के उस मुक़ाम पर आ चुके हैं !
जहां दिल किसी और को चाहे भी तो गुनाह होता है !!
संकलन:
प्रदीप श्रीवास्तव,
ग़ज़ल गायक

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