SHAYARI - MAIN USKI ANKH SE..

मैं  उसकी आँख से छलकी शराब पीता हूँ ! 
ग़रीब हो के भी मंहगी शराब पीता हूं !! 
पुराने चाहने वालों की याद आने लगे !
इसी लिए मैं पुरानी शराब पीता हूँ !! 
संकलन:
प्रदीप श्रीवास्तव,
ग़ज़ल गायक 


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