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Showing posts from March, 2021

Sufi_Fagun Maas Suhawan Ho_फागुन मास सुहावन हो_ Hazrat Manzoor Aaalam Sh...

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फागुन मास सुहावन हो , चित लागै न रामा ! जिए की मन आस बड़ी है कब अईहो रामा !! - - - - आस बंधा के आस न तोड़ो बीच भंवर में फंसाय न छोड़ो गाँठ बंधी है ये गाँठ न तोड़ो पार लगा दो हो ऐसे न छोड़ो जिए की मन आस बड़ी है कब अईहो रामा !! फागुन मास सुहावन हो चित लागै न रामा ! - - - - छोटी सी है पर बात बड़ी है उनके सहारे ही इतनी कटी है उनसे मोहब्बत ऎसी जुडी है जैसेकि पैरों में बेड़ी पड़ी है जिए की मन आस बड़ी है कब अईहो रामा !! फागुन मास सुहावन हो चित लागै न रामा ! जिए की मन आस बड़ी है कब अईहो रामा !! हज़रत मंज़ूर आलम शाह https://youtu.be/Nga3QHpg2Nk

Ghazal - Kya Haseen Raat Hai - Anjana Kumar

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Ghazal_ Jo Gaya Hai Sharab Khane Mein_जो गया है शराबख़ाने में_Pradeep Sr...

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जो गया है शराबख़ाने में , झूम उठा   है शराबख़ाने में ! जशन है आज मेरे साक़ी का , जागना है शराबख़ाने   में ! https://youtu.be/ww9k-FjMkDM

रंग लगाने के तरीके

किस रिश्ते को होली पर कैसे रंग लगायें :- कोरोना को ध्यान में रखते हुए होली पर्व मनाए :- माता – पैर , पिता-सीने पर , पत्नी / पति – सर्वांग , बड़ा भाई -मस्तक , छोटा भाई – भुजायें, बड़ी बहन – हाथ और माथे पर  छोटी बहन – गाल,  बड़ी भाभी / देवर – हाथ और पैर (ननद और देवरानी को खुली छूट )  छोटी भाभी -सर और कन्धे (ननद खुली छूट )  चाची / चाचा – सर से रंग उड़ेले ,  ताई / ताऊ – पैर और माथे पर ,  मामा / मामी – बच कर जाने न पायें ,  बुआ / फूफा – जी भर कर रंग लगायें,  पड़ोसी सिर्फ सूखा रंग ही लगायें उसमें इत्र जरुर डालें ,  मित्र – मर्यादायें भूल कर रंग लगायें ,  बॉस – माथे पर टिका लगायें ,  बॉस की पत्नी – हाथ में रंग का पैकेट देकर नमस्कार कर लें ,  शिष्टाचार की सीमा के अन्दर रंग लगायें , अनजाने व्यक्तियों को – सामाजिक मर्यादा और शिष्टाचार का पूरा ध्यान रखें | रंगों का त्योहार आपके लिए आनंदोत्सव साबित हो। Happy Holi

SUFI_HAM SANAM PARASTI MEIN DIL KAHIN LUTA AAYE_ PRADEEP SRIVASTAVA LIV...

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सूफ़ी कलाम हम सनम परस्ती में दिल कहीं लुटा आए   ! जो हवा में जलता है , वो दिया जला आए !! प्रदीप श्रीवास्तव व साथी   https://youtu.be/1F7aaDW7nIM

मेरे राम की डायरी

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💐💐भगवान की डायरी💐💐 एक बार की बात है वीणा बजाते हुए नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे। नारायण नारायण !! नारदजी ने देखा कि द्वार पर हनुमान जी पहरा दे रहे है। हनुमान जी ने पूछा: नारद मुनि ! कहाँ जा रहे हो? नारदजी बोले: मैं प्रभु से मिलने आया हूँ। नारदजी ने हनुमानजी से पूछा प्रभु इस समय क्या कर रहे है? हनुमानजी बोले: पता नहीं पर कुछ बही खाते का काम कर रहे है, प्रभु बही खाते में कुछ लिख रहे है। नारदजी: अच्छा?? क्या लिखा पढ़ी कर रहे है? हनुमानजी बोले: मुझे पता नहीं मुनिवर आप खुद ही देख आना। नारद मुनि गए प्रभु के पास और देखा कि प्रभु कुछ लिख रहे है। नारद जी बोले: प्रभु आप बही खाते का काम कर रहे है? ये काम तो किसी मुनीम को दे दीजिए। प्रभु बोले: नहीं नारद, मेरा काम मुझे ही करना पड़ता है। ये काम मैं किसी और को नही सौंप सकता। नारद जी: अच्छा प्रभु ऐसा क्या काम है? ऐसा आप इस बही खाते में क्या लिख रहे हो? प्रभु बोले: तुम क्या करोगे देखकर, जाने दो। नारद जी बोले: नही प्रभु बताईये ऐसा आप इस बही खाते में क्या लिखते हैं? प्रभु बोले: नारद इस बही खाते में उन भक्तों के नाम है जो मुझे हर पल भजते ह

सनातन धर्म की कुछ खास बातें

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12 बातें जो हर सनातन धर्म अनुयायी  को ध्यान रखनी चाहिए। कालम-6 पर विशेष ध्यान दे।       1.  क्या भगवान राम या भगवान कृष्ण कभी इंग्लैंड के house of lord के सदस्य रहे थे ? नहीं ना... तो फिर ये क्या ~Lord Rama, Lord Krishna~ लगा रखा है ?  सीधे सीधे भगवान राम, भगवान कृष्ण कहिये - अंग्रेजी में भी. 2. किसी की मृत्यु होने पर ~RIP~ बिलकुल मत कहिये।  यानी Rest In Peace जो दफ़नाने वालों के लिए कहा जाता है।  आप कहिये - "ओम शांति", अथवा "मोक्ष प्राप्ति हो" !  आत्मा कभी एक स्थान पर _आराम या विश्राम नहीं करती ! आत्मा का पुनर्जन्म होता है अथवा उसे मोक्ष मिलता है !_ 3. अपने रामायण एवं महाभारत जैसे ग्रंथों को कभी भी ~mythological~ मत कहियेगा. "mythological" शब्द बना है "myth" से और "myth" शब्द बना है हिंदी के "मिथ्या" शब्द से। "मिथ्या" अर्थात 'झूठा' या 'जिसका कोई अस्तित्व ना हो' और हमारे सभी देवी देवता, राम और कृष्ण वास्तविक रूप में प्रकट हुए हैं ये हमारा गौरवशाली वैदिक ग्रंथों में लिखा है और राम एवं कृष्ण हमारे अवतारी

महिलाओं की सहनशक्ति

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महिलाएं सिर्फ शक्ल  और ज़िस्म से ही खूबसूरत नहीं होती,, बल्कि वो इसलिए भी खूबसूरत होती हैं,। क्योंकि प्यार में ठुकराने के बाद भी ...  किसी लड़के पर तेजाब नहीं फेंकती !  उनकी वज़ह से कोई लड़का  दहेज़ में प्रताड़ित हो कर फांसी नहीं लगाता ! वो इसलिए भी खूबरसूरत होती हैं,, कि उनकी वजह से किसी लड़के को  रास्ता नही बदलना पड़ता!  वो राह चलते लड़को पर  अभद्र टिप्पड़ियां नही करती!  वो इसलिए भी खूबसूरत होती हैं,, कि देर से घर आने वाले पति पर  शक नही करती,, बल्कि फ़िक्र करती है!  वो छोटी छोटी बातों पर  गुस्सा नही होती,  सामान नही पटकती,  हाथ नही उठाती, बल्कि पार्टनर को समझाने की, भरपूर कोशिश करती हैं ! वो जुर्म सह कर भी  रिश्ते इसलिए निभा जाती हैं,, क्योंकि वो अपने बूढ़े माँ बाप का  दिल नही तोड़ना चाहती !  वो हालात से समझौता  इसलिए भी कर जाती हैं,  क्योंकि उन्हें अपने बच्चों के  उज्ज्वल भविष्य की फ़िक्र होती है !  वो रिश्तों में जीना चाहती हैं !  रिश्ते निभाना चाहती हैं !  रिश्तों को अपनाना चाहती हैं! दिलों को जीतना चाहती हैं !  प्यार पाना चाहती हैं !  प्यार देना चाहती हैं !. हमसफ़र, हमकदम बनाना चाह

हमारे धर्म ग्रंथों का महत्व

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जी:: "हमारे धर्म ग्रंथों का महत्व" ::- एक बूढ़ी माता मंदिर के सामने भीख माँगती थी। एक संत ने पूछा - आपका बेटा लायक है, फिर यहाँ क्यों ? बूढ़ी माता बोली - बाबा, मेरे पति का देहांत हो गया है। मेरा पुत्र परदेस नौकरी के लिए चला गया। जाते समय मेरे खर्चे के लिए कुछ रुपए देकर गया था, वे खर्च हो गये इसीलिए भीख माँग रही हूँ। संत ने पूछा - क्या तेरा बेटा तुझे कुछ नहीं भेजता ? बूढ़ी माता बोली - मेरा बेटा हर महीने एक रंग-बिरंगा कागज भेजता है जिसे मैं दीवार पर चिपका देती हूँ। संत ने उसके घर जाकर देखा कि दीवार पर 60  बैंक ड्राफ्ट चिपकाकर रखे थे। प्रत्येक ड्राफ्ट ₹50,000 राशि का था। पढ़ी-लिखी न होने के कारण वह नहीं जानती थी कि उसके पास कितनी संपति है। संत ने उसे ड्राफ्ट का मूल्य समझाया। हमारी स्थिति भी उस बूढ़ी माता की भाँति ही है। हमारे पास धर्मग्रंथ तो हैं पर माथे से लगाकर अपने घर में सुसज्जित कर के रखते हैं। जबकि हम उनका वास्तविक लाभ तभी उठा पाएगें जब हम  उनका अध्ययन,  चिंतन,  मनन करके उन्हें अपने जीवन में उतारेगें । हम हमारे धर्मग्रंथों की वैज्ञानिकता को समझे, हमारे त्यौहारो की

धर्मपत्नी के भाई को साला क्यों कहते हैं

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धर्मपत्नी के भाई को साला क्यों कहते हैं ? साला शब्द की रोचक जानकारी हम प्रचलन की बोलचाल में साला शब्द को एक "गाली" के रूप में देखते हैं साथ ही "धर्मपत्नी" के भाई/भाइयों को भी "साला" "सालेसाहब" के नाम से इंगित करते हैं।  "पौराणिक कथाओं" में से एक "समुद्र मंथन" में हमें एक जिक्र मिलता है, मंथन से जो 14 दिव्य रत्न प्राप्त हुए थे वो :कालकूट (हलाहल), ऐरावत, कामधेनु, उच्चैःश्रवा, कौस्तुभमणि, कल्पवृक्ष, रंभा (अप्सरा), महालक्ष्मी, शंख (जिसका नाम साला था!), वारुणी, चन्द्रमा, शारंग धनुष, गंधर्व, और अंत में अमृत।  "लक्ष्मीजी" मंथन से "स्वर्ण" के रूप में निकली थी, इसके बाद जब "साला शंख" निकला, तो उसे लक्ष्मीजी का भाई कहा गया! दैत्य और दानवों ने कहा कि अब देखो लक्ष्मीजी का भाई साला (शंख) आया है। तभी से ये प्रचलन में आया कि नव विवाहिता "बहु" या धर्मपत्नी जिसे हम "गृहलक्ष्मी" भी कहते है, उसके भाई को बहुत ही पवित्र नाम "साला" कह कर पुकारा जाता हैं। समुद्र मंथन के दौरान &q

आसान नहीं होता वर्किन वुमन का होना

-:: आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होना ::- सुबह औरों से पहले उठना। धीमी आवाज में काम खत्म करना। कि जग ना जाए बच्चा जल्दी आज। उठा ना दे उसे बर्तन की आवाज। मुश्किल होता है फिर से बच्चे को सुला पाना। आसान नही होता वर्किंग वुमन होना। अपने सोते बच्चों को छोड़ चले जाना। उठ जाए तो उन्हें बहलाना। खिलौना लाने के बहाने बता छोड़ जाना। फिर वो खिलौना भी न ला पाना। मुश्किल होता ही ऐसे वादे तोड़ जाना। आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होना। जिस दिन जल्दी न उठ पाए। कैसे काम सारे वो निपटाए। उस बीच देर होने का डर भी सताए। किसको वो मन का हाल बताए। मुश्किल होता है लेट ऑफिस जाना। आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होना। छोड़ने पड़ते है कुछ अवसर। जब जरूरी काम देते है अफसर। ज्यादा व्यस्त हो,ये ताने सहने पड़ते है। बिन बात ही घरवाले भी अकड़ते है। मुश्किल होता है हर बार छुट्टी पाना। आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होना। ऑफिस में घर को मिलाना। रात को क्या खाने में है पकाना। रात के खाने के वक्त अगले दिन की योजना। सुबह का नाश्ता,खाना और कपड़ो की सोचना। मुश्किल होता है घर और बाहर बोझ ढोना। आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होन

वर्किंग वुमन

-:: आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होना ::- सुबह औरों से पहले उठना। धीमी आवाज में काम खत्म करना। कि जग ना जाए बच्चा जल्दी आज। उठा ना दे उसे बर्तन की आवाज। मुश्किल होता है फिर से बच्चे को सुला पाना। आसान नही होता वर्किंग वुमन होना। अपने सोते बच्चों को छोड़ चले जाना। उठ जाए तो उन्हें बहलाना। खिलौना लाने के बहाने बता छोड़ जाना। फिर वो खिलौना भी न ला पाना। मुश्किल होता ही ऐसे वादे तोड़ जाना। आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होना। जिस दिन जल्दी न उठ पाए। कैसे काम सारे वो निपटाए। उस बीच देर होने का डर भी सताए। किसको वो मन का हाल बताए। मुश्किल होता है लेट ऑफिस जाना। आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होना। छोड़ने पड़ते है कुछ अवसर। जब जरूरी काम देते है अफसर। ज्यादा व्यस्त हो,ये ताने सहने पड़ते है। बिन बात ही घरवाले भी अकड़ते है। मुश्किल होता है हर बार छुट्टी पाना। आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होना। ऑफिस में घर को मिलाना। रात को क्या खाने में है पकाना। रात के खाने के वक्त अगले दिन की योजना। सुबह का नाश्ता,खाना और कपड़ो की सोचना। मुश्किल होता है घर और बाहर बोझ ढोना। आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होन

पुरुष का श्रृंगार

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-:: पुरुष का श्रृंगार तो स्वयं प्रकृति ने किया है ::-  स्त्रियाँ काँच का टुकड़ा हैं..जो मेकअप की रौशनी पड़ने पर ही चमकती हैं.. किन्तु पुरुष हीरा है जो अँधेरे में भी चमकता है और उसे मेकअप की कोई आवश्यकता नहीं होती।  खूबसूरत मोर होता है मोरनी नहीं.. मोर रंग - बिरंगा और हरे - नीले रंग से सुशोभित..जबकि मोरनी काली सफ़ेद.. मोर के पंख होते हैं इसीलिए उन्हें मोरपंख कहते हैं..मोरनी के पंख नहीं होते.. दांत हाथी के होते हैं,हथिनी के नहीं। हांथी के दांत बेशकीमती होते हैं। नर हाथी मादा हाथी के मुकाबले बहुत खूबसूरत होता है।  कस्तूरी नर हिरन में पायी जाती है। मादा हिरन में नहीं।  नर हिरन मादा हिरन के मुकाबले बहुत सुन्दर होता है। मणि नाग के पास होती है , नागिन के पास नहीं।  नागिन ऐसे नागों की दीवानी होती है जिनके पास मणि होती है। रत्न महासागर में पाये जाते हैं, नदियो में नहीं..और अंत में नदियों को उसी महासागर में गिरना पड़ता है। संसार के बेशकीमती तत्व इस प्रकृति ने पुरुषो को सौंपे.. प्रकृति ने पुरुष के साथ अन्याय नहीं किया.. 9 महीने स्त्री के गर्भ में रहने के बावजूद भी औलाद का चेहरा, स्वभाव पि

आम का पेड़

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एक बच्चे को आम का पेड़ बहुत पसंद था। जब भी फुर्सत मिलती वो आम के पेड के पास पहुच जाता। पेड के उपर चढ़ता,आम खाता,खेलता और थक जाने पर उसी की छाया मे सो जाता। उस बच्चे और आम के पेड के बीच एक अनोखा रिश्ता बन गया। बच्चा जैसे-जैसे बडा होता गया वैसे-वैसे उसने पेड के पास आना कम कर दिया।  कुछ समय बाद तो बिल्कुल ही बंद हो गया। आम का पेड उस बालक को याद करके अकेला रोता। एक दिन अचानक पेड ने उस बच्चे को अपनी तरफ आते देखा और पास आने पर कहा, "तू कहां चला गया था? मै रोज तुम्हे याद किया करता था। चलो आज फिर से दोनो खेलते है।" बच्चे ने आम के पेड से कहा, "अब मेरी खेलने की उम्र नही है मुझे पढना है,लेकिन मेरे पास फीस भरने के पैसे नही है।" पेड ने कहा, "तू मेरे आम लेकर बाजार मे बेच दे,* इससे जो पैसे मिले अपनी फीस भर देना।" उस बच्चे ने आम के पेड से सारे आम तोड़ लिए और उन सब आमो को लेकर वहा से चला गया। उसके बाद फिर कभी दिखाई नही दिया। आम का पेड उसकी राह देखता रहता। एक दिन वो फिर आया और कहने लगा, "अब मुझे नौकरी मिल गई है, मेरी शादी हो चुकी है, मुझे मेरा अपना घर बनाना है

परमात्मा कैसे प्रसन्न होते हैं

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-:: परमात्मा कैसे प्रसन्न होता है ::-  मित्र वर ,जब किसी व्यक्ति की ही कोई वस्तु लेकर उसी को ही भेंट कर दी जाए तो क्या वह व्यक्ति प्रसन्न होगा... नहीं . तो हम जो कुछ भी (भौतिक वस्तुएं --- धूप,अगरबत्ती, मिठाई, इत्यादि ) परमात्मा को अर्पण करते है....उसी की वस्तु, उसे ही देते हैं तो आप का परमात्मा क्या इन उपहारों से प्रसन्न होता है ?                                                                 मित्र वर ,हमारे पास अपना क्या है :: प्रेम का फूल ,श्रद्धा का फूल ,भाव का फूल ,समर्पण का फूल ,सबसे ज्यादा मात्रा में अहंकार का फूल है। मित्र वर ,परमात्मा इसे ही स्वीकार करते हैं और प्रसन्न हो जाते हैं।                                                      मनुष्य एक ऐसा वृक्ष है जिस पर दो विपरीत प्रकृति के फूल भी लगते है। प्रेम का फूल व अहंकार का फूल.....जैसे - जैसे प्रेम का फूल बड़ा होने लगता है अहंकार का फूल छोटा होने लगता है। यह हमारे देखभाल पर निर्भर है जब हम "प्रेम के फूल" पर ध्यान देते है तो "प्रेम का फूल" बढ़ता है अगर हम "अहंकार के फूल" पर ध्यान देते ह

।। राम ।।

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।।राम।। "श्री.तुलसीदासजी" से एक भक्त ने पूछा कि... "महाराज आप श्रीराम के इतने गुणगान करते हैं , क्या कभी खुद श्रीराम ने आपको दर्शन दिए हैं ?. तुलसीदास बोले :- " हां " भक्त :- महाराज क्या आप मुझे भी दर्शन करा देंगे ??? तुलसीदास :- " हां अवश्य " ★ तुलसीदास जी ने ऐसा मार्ग दिखाया कि एक गणित का विद्वान भी चकित हो जाए  !!! तुलसीदास जी ने कहा ,"अरे भाई यह बहुत ही आसान है  !!! तुम श्रीराम के दर्शन स्वयं अपने अंदर ही प्राप्त कर सकते हो." हर नाम के अंत में राम का ही नाम है. इसे समझने के लिए तुम्हे एक "सूत्रश्लोक "बताता हूं . यह सूत्र किसी के भी नाम में लागू होता है !!! भक्त :- "कौनसा सूत्र महाराज ?" तुलसीदास :- यह सूत्र है ... "नाम चतुर्गुण पंचतत्व मिलन तासां द्विगुण प्रमाण।। तुलसी अष्ट सोभाग्ये अंत मे शेष राम ही राम।।"  इस सूत्र के अनुसार  ★ अब हम किसी का भी नाम ले और उसके अक्षरों की गिनती करें... १)उस गिनती को (चतुर्गुण) ४ से गुणाकार करें २) उसमें (पंचतत्व मिलन) ५ मिला लें. ३) फिर उसे (द्विगुण प्रमाण) दुगना

मधुमक्खी

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मधुमक्खी अपनी जिंदगी में कभी नही सोती. ये इतनी मेहनती होती है कि पूछो मत! बेचारी एक बूंद शहद के लिए दूर-दूर तक उड़ती है. आजकल तो फिर भी कम हो गए लेकिन पहले मधुमक्खियों के छत्ते जगह-जगह पेड़ो पर, दीवारों पर लटके मिल जाते थे. आपके मन में उस समय कुछ सवाल आए होगे, चलिए आज रोचक तथ्यों के माध्यम से Honey Bee से जुड़ी हर जानकारी से आपको रूबरू करवाते है… - मधुमक्खियों की 20,000 से ज्यादा प्रजातियाँ है लेकिन इनमें से सिर्फ 5 ही शहद बना सकती है. - एक छत्ते में 20 से 60 हजार मादा मधुमक्खियाँ, कुछ सौ नर मधुमक्खियाँ और 1 रानी मधुमक्खी होती है. इनका छत्ता मोम से बना होता है जो इनके पेट की ग्रंथियों से निकलता है. - मधुमक्खी धरती पर अकेली ऐसी कीट (insects) है जिसके द्वारा बनाया गया भोजन मनुष्य द्वारा खाया जाता है. - केवल मादा ( यानि वर्कर मधुमक्खियां ) मधुमक्खी ही शहद बना सकती है और डंक मार सकती है. नर मधुमक्खी (drones) तो केवल रानी के साथ सेक्स करने के लिए पैदा होते है. - किसी आदमी को मारने के लिए मधुमक्खी के 100 डंक काफी है. - मधुमक्खी, शहद को पहले ही पचा देती है इसलिए इसे हमारे खून तक पहुंचने में क

-:: अंग्रेजी और अंग्रेज़ियत के आधुनिक गुलामों को नमन् ::-

-:: अंग्रेजी और अंग्रेज़ियत के आधुनिक गुलामों को नमन् ::- पकवानो के नाम अंग्रेजी में रखो.. मन चाहे पैसे लो। आजकल बड़े बड़े रेस्तराँ में पकवानों के नाम 'अंग्रेज़ी' में रखकर यह साबित किया जाता है कि "जब तक हम जैसे समझदार बेवकूफ रहेंगे... ये होशियार कभी भूखे नहीं मरेंगे...  अब देखिये कुछ डिश के नाम... ▪रोसेटो अल्जफर्नो और ये डिश है भात और लाल साग मिला हुआ.. दाम 375 रूपये.. ▪नाचोस विथ सालसा.. यह है नमकीन खस्ता..कच्चे टमाटर की चटनी के साथ...  दाम 195 रूपये.. अब खस्ता और टमाटर चटनी बोलने से कोई 195 रूपये तो नहीं देगा न.. "कच्चे टमाटर की चटनी के साथ खस्ता खा रहे हैं "  बोलने में शर्म आती है...  ▪सिनोमिना सुफले : सूजी का हलवा है दाम 175... ▪चावल के मांड़ को भी 'राइस सूप विथ लेमन ग्रास' बोलकर 150 में परोस देते हैं.. और ये कूल ड्यूड बड़े इतरा कर बोलते हैं  "I am having rice soup with NACHOS WITH SALSA....LOL!!!" अब यह कोई थोड़े ही बोलेगा क़ि माँड़ पी रहें हैं खस्ता के साथ..  ▪एक डिश है इंडिलाचा सब्जी से भरे हुए पराठा को कहते हैं...  200 रूपये का.. ▪'सतुआ'

नारी शक्ति को प्रणाम

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-:: नारी शक्ति को प्रणाम ::- एक आदमी बड़े आराम से अपनी गाड़ी में जा रहा था कि अचानक सामने से आ रही एक महिला की गाड़ी आ कर उसकी गाड़ी से टकरा गयी …  पर एक्सिडेंट के बाद भी, दोनों सुरक्षित बच गए। जब दोनों गाड़ी से बाहर आए तो महिला ने पहले अपनी गाड़ी को देखा जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी थी, फिर वो सामने की तरफ गयी जहाँ आदमी भी अपनी गाड़ी को बड़ी गौर से देख रहा था। तभी वह महिला उससे रूबरू होते हुए बोली ~ देखिये कैसा संयोग है कि गाड़ियाँ पूरी तरह से टूट-फूट गयी पर हमें चोट तक नहीं आई! यह सब भगवान की मर्जी से हुआ है ताकि हम दोनों मिल सकें। मुझे लगता है कि अब हमें  आपस में दोस्ती कर लेनी चाहिए। आदमी ने भी सोचा कि इतना नुकसान होने के बाद भी गुस्सा करने के बजाय दोस्ती के लिए कह रही है तो कर लेता हूँ और बोला ~ आप बिल्कुल ठीक कह रही हैं कि ये सब भगवान की मर्जी से हुआ है। तभी महिला ने कहा ~  एक चमत्कार और देखिये कि … पूरी गाड़ी टूट-फूट गयी पर अंदर रखी शराब की बोतल बिल्कुल सही है। आदमी ने कहा ~ वाकई … यह तो हैरान करने वाली बात है। महिला ने बोतल खोली और बोली ~  आज हमारी जान बची है, हमारी

मृगतृष्णा

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-:: मृगतृष्णा ::- इच्छाओं की पूर्ति मानव मूल्यों की अद्भुत कहानी* एक राजमहल के द्वार पर बड़ी भीड़ लगी थी। किसी फ़क़ीर ने सम्राट से भिक्षा माँगी थी। सम्राट ने उससे कहा- "जो भी चाहते हो, माँग लो"। दिन के प्रथम याचक की किसी भी इच्छा को पूरा करने का उसका नियम था। उस फ़क़ीर ने अपने छोटे से भिक्षा-पात्र को आगे बढ़ाया और कहा- "बस, इसे स्वर्ण-मुद्राओं से भर दें"।  सम्राट ने सोचा, "इससे सरल बात और क्या हो सकती है ?" लेकिन जब उस भिक्षा-पात्र में स्वर्ण मुद्रायें डाली गईं, तो ज्ञात हुआ कि उसे भरना असम्भव था क्योंकि वह तो जादुई था। जितनी अधिक मुद्रायें उसमें डाली गई, उतना ही अधिक वह ख़ाली होता चला गया । *सम्राट ने अपने सारे ख़ज़ाने ख़ाली कर दिये, लेकिन ख़ाली पात्र ख़ाली ही रहा। उसके पास जो कुछ भी था सभी उस पात्र में डाल दिया, लेकिन अद्भुत पात्र अभी भी ख़ाली का ख़ाली ही रहा । तब उस सम्राट ने कहा, "भिक्षु, तुम्हारा पात्र साधारण नहीं हैं। उसे भरना मेरी सामर्थ्य के बाहर है। क्या मैं पूछ सकता हूँ कि इस अद्भुत पात्र का रहस्य क्या है ? *वह फकीर हँसने लगा और

About Lord Krishna

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EXCELLENT INFO ABOUT SRI KRISHNA 1) Krishna was born *5252 years  ago*  2) Date of *Birth* : *18 th July,3228 B.C* 3) Month : *Shravan* 4) Day :  *Ashtami* 5) Nakshatra : *Rohini* 6) Day : *Wednesday* 7) Time : *00:00 A.M.* 8) Shri Krishna *lived 125 years, 08 months & 07 days.* 9) Date of *Death* : *18th February 3102BC.* 10) When Krishna was *89 years old* ; the mega war *(Kurukshetra)* war took place.  11) He died *36 years after the Kurukshetra* war. 12) Kurukshetra War was *started on Mrigashira Shukla Ekadashi,BC 3139. i.e "8th December 3139BC" and ended on "25th December, 3139BC".*   12) There was a *Solar eclipse between "3p.m to 5p.m on 21st December, 3139BC" ; cause of Jayadrath's death.* 13) Bhishma died on *2nd February,(First Ekadasi of the Uttarayana), in 3138 B.C.* 14) Krishna  is worshipped as: (a)Krishna *Kanhaiyya* : *Mathura* (b) *Jagannath*:- In *Odisha* (c) *Vithoba*:- In *Maharashtra* (d) *Srinath*:  In *Rajasthan* (e) *Dwarak

श्री राम भद्राचार्य जी

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ये वही रामभद्राचार्य जी है जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के उद्धारण के साथ गवाही दी थी। दृश्य था उच्चतम न्यायलय का ... श्रीराम जन्मभूमि के पक्ष में वादी के रूप में उपस्थित थे धर्मचक्रवर्ती, तुलसीपीठ के संस्थापक, पद्मविभूषण, जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी ... जो विवादित स्थल पर श्रीराम जन्मभूमि होने के पक्ष में शास्त्रों से प्रमाण पर प्रमाण दिये जा रहे थे ... न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति मुसलमान था ... उसने छूटते ही चुभता सा सवाल किया, "आप लोग हर बात में वेदों से प्रमाण मांगते हैं ... तो क्या वेदों से ही प्रमाण दे सकते हैं कि श्रीराम का जन्म अयोध्या में उस स्थल पर ही हुआ था?" जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी (जो प्रज्ञाचक्षु हैं) ने बिना एक पल भी गँवाए कहा , " दे सकता हूँ महोदय", ... और उन्होंने ऋग्वेद की जैमिनीय संहिता से उद्धरण देना शुरू किया जिसमें सरयू नदी के स्थान विशेष से दिशा और दूरी का बिल्कुल सटीक ब्यौरा देते हुए श्रीराम जन्मभूमि की स्थिति बताई गई है । कोर्ट के आदेश से जैमिनीय संहिता मंगाई गई ... और उसमें जगद्गुरु जी द्वारा

सवर्ण कौन हैं

लेखक का पता नहीं वर्ना उसके नाम का उल्लेख अवश्य करता...... सवर्ण कौन है? सामान्य कौन है? -:: सवर्ण (General Category) कौन हैं ::- जिस व्यक्ति पर एट्रोसिटी_एक्ट 89 के तहत बिना इन्क्वारी के भी कार्यवाई की जा सकती है,वह सवर्ण है‼️ जिसको जाति सूचक शब्द का उपयोग करके निर्भयता से गाली दी जा सकती है, वह सवर्ण है‼️ देश में आरक्षित 131 लोकसभा सीटो और 1225 विधानसभा सीटो पर चुनाव नही लड़ सकता है, लेकिन वोट दे सकता है, वो सवर्ण है‼️ जिसके हित के लिए आज तक कोई आयोग नही बना, वो सवर्ण है‼️ जिसके लिए कोई सरकारी योजना न बनी हो, वो सवर्ण है‼️ जिसके साथ देश का संविधान भेदभाव करता है , वो सवर्ण है‼️ मात्र जिसको सजा देने के लिए NCSC और NCST का गठन किया गया वो सवर्ण है‼️ मात्र जिसे सजा देने के लिए हर जिले में विशेष SCST न्यायालय खोले गए हैं, वो अभागा सवर्ण है‼️ जो स्कूल में अन्य वर्गों के मुकाबले चार गुनी फीस दे कर अपने बच्चों को पढाता है, वो बेसहारा सवर्ण है‼️ नौकरी, प्रमोशन, घर allotment आदि में जिसके साथ कानूनन भेदभाव वैध है वह बेचारा सवर्ण है‼️ सरकारों व सविधान द्वारा सबसे ज्यादा प्रताड़ित

दर्द भरा हास्य

 *दर्द भरा हास्य* वैवाहिक जीवन का पहला पड़ाव- नयी-नयी शादी हुई है, पतिदेव प्रात: शेविंग कर रहे हैं तभी उनको ब्लैड लग जाता है। आहs की हल्की आवाज उनके मुंह से निकली, और पत्नीजी किचिन से भागी हुई आयी । डार्लिंग ब्लैड लग गया ! पति ने पत्नी से नार्मल होते हुए कहा !  (पत्नी जल्दी से 'डिटाल' लाती है।) अरे ! कितना सारा ब्लड निकल गया, आज आप आफिस मत जाइये, घर पर ही रेस्ट कीजिए , फेसबुक चलाइये या व्हाट्सऎप दौड़ाइए ! हाय राम , दर्द हो रहा होगा न ? पत्नी दुःखी स्वर में 'डिटाल' लगाती हुई बोली! वैवाहिक जीवन का दूसरा ✌🏻पड़ाव- अब बच्चे हो जाते हैं, "पति महोदय" रोज की तरह शेविंग कर रहे है, उनको ब्लैड लग जाता है। उफ मीनूsss..... ब्लैड लग गया, पति महोदय होने वाले 'दर्द' से भी तेज चिल्लाये। आप भी ना!!, इतने साल आपको सेविंग करते हुए हो गये, पर अभी तक आपको सेविंग करनी नहीं आयी, ये लो फिटकरी लगा लो, मैं आपका और बच्चों का लन्च तैयार कर रहीं हूँ। पत्नी झल्लाती हुई फिटकरी पटकते हुए वहां से चली गयी। वैवाहिक जीवन का तीसरा 🖖🏻 पड़ाव- बच्चों का विवाह हो चुका है । पति जी शेविंग कर

मां का सुंदर स्वरूप और पिता का रौद्र जी क्यों ?

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क्यों होता है मां का सुंदर स्वरूप और पिता का रौद्र: क्षमा कीजिए पिताश्री ! एक बार गणेशजी ने भगवान शिवजी से कहा : पिताजी ! आप यह चिताभस्म ,लगाकर, मुण्डमाला धारणकर अच्छे नहीं लगते,  मेरी माता गौरी अपूर्व सुंदरी! और आप उनके साथ इस भयंकर रूप में !      पिताजी ! आप एक बार कृपा करके अपने सुंदर रूप में माता के सम्मुख आएं, जिससे हम आपका असली स्वरूप देख सकें !     भगवान शिवजी मुस्कुराये और गणेशजी की बात मान ली ! कुछ समय बाद जब शिवजी स्नान करके लौटे तो  शरीर पर भस्म नहीं थी , बिखरी जटाएं सँवरी हुई, मुण्डमाला उतरी हुई थी !    सभी देवता, यक्ष, गंधर्व, शिवगण उन्हें अपलक देखते रह गये,  वह ऐसा रूप था कि मोहिनी अवतार रूप भी फीका पड़ जाये !  भगवान शिव ने अपना यह रूप कभी भी प्रकट नहीं किया था !     शिवजी का ऐसा अतुलनीय रूप कि करोड़ों कामदेव के रूप को भी मलिन कर रहा था !        गणेशजी अपने पिता की इस मनमोहक छवि को देखकर स्तब्ध* रह गए और  मस्तक झुकाकर बोले - मुझे क्षमा करें पिताजी !, परन्तु अब आप अपने पूर्व स्वरूप को धारण कर लीजिए !  भगवान शिव मुस्कुराये और पूछा- क्यों पुत्र अभी तो तुमने ही म

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धूनी रमा के बैठ गया तेरी छाँव में, दिल ने तो आज डाल दी ज़ंजीर पांव में ! - यावर वारसी   

Mandir Se Masjid Mil Jaye_मंदिर से मस्जिद मिल जाये_ Madhvi Lata Shukla_S...

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हनुमान चालीसा - अंग्रेजी में अनुवाद

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  हनुमान चालीसा - अंग्रेजी में अनुवाद श्रीगुरु चरन सरोज रज In the Lotus feet of my teacher/Guardian निज मन मुकुर सुधारि। I purify the mirror of my heart बरनउँ रघुबर बिमल जसु I illustrate the story of immaculate Rama जो दायकु फल चारि॥ which bestows four fruits (The 4 Purusharth : desire, prosperity, righteousness, liberation) बुद्धिहीन तनु जानिकै Considering myself as frail & unwise सुमिरौं पवनकुमार। I contemplate Son of Wind (Hanuman) बल बुद्धिविद्या देहु मोहिं to impart power, knowledge & civilization हरहु कलेश विकार ॥ & to eradicate all the miseries of life. जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। I glorify lord Hanuman, the deep sea of knowledge & virtues जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥ I glorify The Monkey man “Vanara”, who lightens the three worlds (earth, atmosphere & beyond) राम दूत अतुलित बल धामा। I glorify the faithful envoy of lord Ram, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥ who is also known as son of anjana (anjaniputra) & wind’s son (pavansuta) महाबीर बिक्रम बजरंगी। You are the dist