वर्किंग वुमन

-:: आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होना ::-

सुबह औरों से पहले उठना।
धीमी आवाज में काम खत्म करना।
कि जग ना जाए बच्चा जल्दी आज।
उठा ना दे उसे बर्तन की आवाज।
मुश्किल होता है फिर से बच्चे को सुला पाना।
आसान नही होता वर्किंग वुमन होना।

अपने सोते बच्चों को छोड़ चले जाना।
उठ जाए तो उन्हें बहलाना।
खिलौना लाने के बहाने बता छोड़ जाना।
फिर वो खिलौना भी न ला पाना।
मुश्किल होता ही ऐसे वादे तोड़ जाना।
आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होना।

जिस दिन जल्दी न उठ पाए।
कैसे काम सारे वो निपटाए।
उस बीच देर होने का डर भी सताए।
किसको वो मन का हाल बताए।
मुश्किल होता है लेट ऑफिस जाना।
आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होना।

छोड़ने पड़ते है कुछ अवसर।
जब जरूरी काम देते है अफसर।
ज्यादा व्यस्त हो,ये ताने सहने पड़ते है।
बिन बात ही घरवाले भी अकड़ते है।
मुश्किल होता है हर बार छुट्टी पाना।
आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होना।

ऑफिस में घर को मिलाना।
रात को क्या खाने में है पकाना।
रात के खाने के वक्त अगले दिन की योजना।
सुबह का नाश्ता,खाना और कपड़ो की सोचना।
मुश्किल होता है घर और बाहर बोझ ढोना।
आसान नहीं होता वर्किंग वुमन होन

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