दर्द भरा हास्य
*दर्द भरा हास्य*
वैवाहिक जीवन का पहला पड़ाव-
नयी-नयी शादी हुई है, पतिदेव प्रात: शेविंग कर रहे हैं तभी उनको ब्लैड लग जाता है। आहs की हल्की आवाज उनके मुंह से निकली, और पत्नीजी किचिन से भागी हुई आयी । डार्लिंग ब्लैड लग गया ! पति ने पत्नी से नार्मल होते हुए कहा !
(पत्नी जल्दी से 'डिटाल' लाती है।) अरे ! कितना सारा ब्लड निकल गया, आज आप आफिस मत जाइये, घर पर ही रेस्ट कीजिए , फेसबुक चलाइये या व्हाट्सऎप दौड़ाइए ! हाय राम , दर्द हो रहा होगा न ? पत्नी दुःखी स्वर में 'डिटाल' लगाती हुई बोली!
वैवाहिक जीवन का दूसरा ✌🏻पड़ाव-
अब बच्चे हो जाते हैं,
"पति महोदय" रोज की तरह शेविंग कर रहे है, उनको ब्लैड लग जाता है। उफ मीनूsss..... ब्लैड लग गया, पति महोदय होने वाले 'दर्द' से भी तेज चिल्लाये। आप भी ना!!, इतने साल आपको सेविंग करते हुए हो गये, पर अभी तक आपको सेविंग करनी नहीं आयी, ये लो फिटकरी लगा लो, मैं आपका और बच्चों का लन्च तैयार कर रहीं हूँ। पत्नी झल्लाती हुई फिटकरी पटकते हुए वहां से चली गयी।
वैवाहिक जीवन का तीसरा 🖖🏻 पड़ाव-
बच्चों का विवाह हो चुका है । पति जी शेविंग कर रहे हैं और उनको ब्लैड लग जाता है । हाय sssss मर गया !!!
अरे 'पप्पू' की 'अम्मा' कहां है तू? ''क्यों चिल्ला रहे हो, इतना गला फाड कर, ब्लैड ही लगा है, कोई तलवार तो नहीं लगी ? कितनी बार कहा है, अब अपने आप 'दाढ़ी ' मत बनाया करो, नाई से बनवा लिया करो, पर तुम्हे तो बुढ़ापे में जवान बनने की लगी है ना ? ' वृद्ध पत्नी बिस्तर में लेटे-लेटे चिल्लाई।
अलमारी में 'डिटाल' या 'फिटकरी' रखी होगी उठकर लगा लो!
ये कहकर पत्नीजी ने चादर मुंह तक तान ली!
किसी ने ठीक कहा है-
प्यार में हम ज्यों ज्यों आगे बढ़ते गये,
आप' से 'तुम' फिर तुम से 'तू' होते गए ।
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