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Showing posts from May, 2022

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART-8B_18-08-2001_

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART-8B_18-08-2001_ https://youtu.be/sUzHkhuSUkI

Dhupar Ka Ghar_चमत्कारिक पारिवारिक मिलन समारोह_27-05-2022

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धूपर  का  घर ( इसे अंत तक ज़रूर देखें ) रोटरी अतुल्य , कानपुर के सभी सदस्यों द्वारा चमत्कारिक पारिवारिक मिलन समारोह का आयोजन रोटेरियन अनिल धूपर व एन. मधु धुपर जी के निवास पर दिनांक २७ मई २०२२ को आयोजित किया गया | इस कार्यक्रम के कुछ महत्वपूर्ण क्षणों को रोटेरियन के सभी छायाकारों ने अपने मोबाइल में क़ैद किया | उन्ही छाया चित्रों को ले कर एक यादगार वीडियो बनाने का प्रयत्न किया है अगर कहीं कोई गलती हो गई हो तो उसे मुआफ कीजियेगा क्यूँ की भूल चूक लेनी देनी | प्रदीप श्रीवास्तव ग़ज़ल गायक   +91 9140886598 https://youtu.be/eh 2 P 9 x 2 v 9 Po

Jaam Chalne Lage_Pradeep Srivastava Live on 04-09- 2021

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जाम चलने लगे दिल मचलने लगे चेहरे चेहरे पे रंगे-शराब आ गया बात कुछ भी न थी बात इतनी हुई आज महफ़िल में वो बेनकाब आ गया   दिलकशी क्या कहें नाज़ुकी क्या कहें ताजगी क्या कहें जिंदगी क्या कहें हाथ में हाथ उसका वो ऐसे लगा जैसे हाथों में कोई गुलाब आ गया   हुस्न वाले तेरी बात रखनी पड़ी आ गयी इम्तेहान की वो आखिर घडी पूछ ले पूछ ले आइना ही तो है देख ले आज तेरा जवाब आ गया   नाम अपना कहीं पर लिखा तो नहीं बस इसी बात का आज करले यकीन आओ राही जरा पूछ कर देख ले अपने दिल की वो खोले किताब आ गया https://youtu.be/Szm0hyTCZyg

SHAYARI-24-05-2022

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देख कर पूछ लिया हाल मेरा , चलो कुछ तो ख्याल करते हो ! शहर - ए - दिल में ये उदासियाँ कैसी , ये भी मुझसे सवाल करते हो ! मरना चाहें तो मर नहीं सकते , तुम भी जीना मुहाल करते हो ! अब किस किस की मिसाल दूँ तुमको , हर सितम बे - मिसाल करते हो । --- --- अकेले हम ही नहीं शामिल इस जुर्म मे , नजरे जब मिली थीं तो बत्तीसी तुमने भी दिखाई थी ! --- --- उसके खयाल से आती है , खुशबू सुकून की मेरी , तमाम तकलीफों का वो इकलौता जवाब है ! --- --- शादियाँ भव्य होती जा रही हैं , और रिश्ते जर्जर ! --- --- ख्वाब हैं पंकज हम आंखों से रातों रात गुजरते हैं। सिर्फ तखैय्युल में रहते हैं सच होने से डरते हैं । अपने दिल मे सिर्फ तुम्हारी यादें जिंदा रखने को , हम सीने के घाव पुराने रोज कुरेदा करते हैं। - पंकजअंगार --- --- वही दिलनशीं इशारे वही जानवाज़ अदाएं , जो ग़ज़ल की जान ख़ुद हो हम उसे ग़ज़ल सुनाएं ! --- --- तेरी तारीफ में कुछ लफ्ज़ कम पड़ गए , वरना हम भी किसी ग़ालिब से कम नहीं । --- --- तेरी चाहत भी अजीब सी है ऐ दोस्त , ना तुम मुझे अपना बना सके और ना ही मैं आज़ाद हो सका। --- --- फिर लगे

HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART-8A_18-08-2001_

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HUZUR SAHEB AMRIT WACHAN_PART-8A_18-08-2001_ पूज्य्नीय गुरुवर हज़रत मंज़ूर आलम शाह ' कलंदर मौजशाही ' ' हुज़ूर साहेब ' अपने जीवन काल में हर चौमासे पर चिल्ला पूर्ण होने के बाद महफ़िल और नियाज़ का आयोजन करवाते थे | उस दौरान हुज़ूर साहेब अपने आशिक़ और अपने मुरीदों को अमृतवचन से नवाज़ते थे | आप के अमृत वचन जीने का एक सहारा बन गए हैं |   इसी क्रम में 18 AUGUST 2001 में हुज़ूर साहेब ने अपने अमृतवचन से अपने आशिक़ों और मुरीदों को जो कहा वो आपकी ख़िदमत में पेश है और इसे बार बार सुने अपने इस अमूल्य जीवन में एक नई ऊर्जा पैदा करें | https://youtu.be/PCtnZ0XGSAs

Teri Rahmaton Ka Dariya_तेरी रहमतो का दरिया सरेआम चल रहा है_Raju Harmoni...

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ये हैं कानपुर के राजू मास्टर जो हारमोनियम के बेजोड़ कारीगर हैं | वैसे इनका ये खानदानी काम है इनके नाना स्वर्गीय पुत्ती लाल जी कानपुर के माने हुए हारमोनियम के बनाने वाले थे | धीरे धीरे कानपुर से अच्छे कारीगर विलुप्त होते जा रहे हैं लेकिन अपने फक्कड़ स्वभाव से राजू भाई अपनी अलग ज़िंदगी जी रहे हैं | अच्छे हारमोनियम बनाने वाले के साथ   साथ एक गायक और वादक भी हैं | जब कभी घर पर आते हैं तो उनसे एक गीत सुन लेता हूँ ऐसा ही पिछले दिन हुआ | मैंने इनके गाने को रिकॉर्ड कर लिया और आपकी खिदमत में पेश कर रहा हूँ | इनका फ़ोन न 9307651168 है आप भी हारमोनियम की सेवाएं इनसे ले सकते हैं | आपका प्रदीप श्रीवास्तव https://youtu.be/hSVsftQ-lnA तेरी रेहमतो का दरिया सरेआम चल रहा है , मुझे भीख मिल रही है तो काम चल रहा है। मेरे दिल की धड़कनो में , है शरीक नाम तेरा , तेरे नाम के सहारे , मेरा नाम चल रहा है , मुझे भीख मिल रही है , मेरा काम चल रहा है। तेरी आशिकी से पहले मुझे कौन जनता था , तेरे इश्क ने बनाई मेरी ज़िन्दगी फ़साना , तेरी रेहमतो का दरिया.. उसे क्या रिजाये दुनिया जिसे आप ने नवाजा , उसे क्या म

KOI BADAL MUJHE BHIGO JAYE_SUSHEEL KANPURI_14-05-2022

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KOI BADAL MUJHE BHIGO JAYE_SUSHEEL KANPURI_14-05-2022 कोई बादल मुझे भिगो जाए , या तो सावन कहीं पे खो जाए ! एक मिसरा   है ज़िंदगी मेरी , तुम जो मिल जाओ शेर हो जाए ! - सुशील कानपुरी   https://youtu.be/o66Q1A7hFsM

SHAYARI-22-05-2022

 फायदा उठाना है शौक से उठाओ, पर तब नहीं जब सामने वाला तकलीफ़ मे हो !. --- --- मंदिर में दाना चुगकर चिड़िया मस्जिद में पानी पीती है, मैंने सुना है राधा की चुनरी कोई सलमा बेगम सीती है। ~ अज्ञात --- --- हम सादगी में झुक क्या गए, लोगों ने समझा, हमारा दौर ही खत्म हो गया ! --- --- किरदार शिद्दत से निभाइए ज़िंदगी में ! कहानी तो एक दिन सभी को बनना है !! --- ---  ले चलो फिर मुझको पहाड़ों पे यारों ! ये शहरों की हवाएं अब चुभने सी लगी हैं !! --- --- दिमाग में विचारों का ट्रैफिक जितना कम होगा ! जिंदगी का सफर उतना ही आसान होगा !!   --- --- मंजर किसी दिन हमको ऐसा भी दिखाई दे ! गूंगों से सदा निकले और बहरों को सुनाई दे !! --- ---

SHAYARI-21-05-2022

  तुम चुन सकते हो हमसफ़र नया , मेरा तो इश्क़ है मुझे इजाज़त नहीं ! --- --- नीचे झुक कर किसी को ऊपर उठाना , इससे अच्छा व्यायाम दिल के लिए कोई नहीं ! --- --- परखो तो कोई अपना नही , समझो तो कोई पराया नहीं ! --- --- बहुतों की आंखों की किरकिरी है वो , बस दिल से बोलता है दिमाग से नहीं ! --- --- भीड़ से हट कर नया जहान ढूंढो , गलतियां सब निकालते हैं आप समाधान ढूंढो ! --- --- चेहरे पे मेरे जुल्फों को फैलाओ किसी दिन , क्यूँ रोज गरजते हो बरस जाओ किसी दिन , खुशबु की तरह गुजरो मेरी दिल की गली से , फूलों की तरह मुझपे बिखर जाओ किसी दिन। --- ---- अगर कोशिश करें एक दूसरे को पा भी सकते हैं , मगर एक दूसरे को पाके हम पछता भी सकते हैं। - जावेद नसीमी --- --- ख़ाक उड़ती है रात भर मुझमें , कौन फिरता है दर - ब - दर मुझमें ! मुझको ख़ुद में जगह नहीं मिलती , तू है मौजूद इस क़दर मुझमें ! --- --- मुकम्मल होती नहीं कभी तालीम - ऐ - जिंदगी , यहां उस्ताद भी ता उम्र शागिर्द रहता है ! --- --- ख़ून अपना हो या पराया हो नस्ल - ए - आदम का ख़ून है आख़िर , जंग मशरिक़ में हो कि मग़रिबमें अम्न -