shayari

 ज़मीं पर इन दिनों मरने की आसानी बहुत है,

सो इस पर आसमां वालों को हैरानी बहुत है !

सुना है इश्क़ की मेराज़ है जां से गुज़र जाना,

मैं ज़िंदा हूँ मुझे इस पर पशेमानी बहुत है !

- असलम महमूद 

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