SHAYARI 07.05.2022
नज़र यू ही नही ढ़ढूती तुम्हे,
इन्हे भी सुकून की तलाश है !
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आदमी परखने की यह भी एक निशानी है
गुफ्तगू बता देती है कौन खानदानी है
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किसी भी रिश्ते को कितनी भी खूबसूरती से क्यों ना बांधा जाए ...,
अगर नज़रों में इज्जत और बोलने में लिहाज न हो तो वह टूट जाता है ...!!
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बस खुद्दारी ही मेरी दौलत है, जो मेरी हस्ती में रहती है,
बाकी ज़िन्दगी तो फकीरी है, वो अपनी मस्ती में रहती है !!
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सागर, नदी, झील और आंखें,
पानी सब
में होता है फ़र्क बस गहराई का होता है..!!
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