Jaam Chalne Lage_Pradeep Srivastava Live on 04-09- 2021
जाम चलने लगे दिल मचलने लगे चेहरे
चेहरे पे रंगे-शराब आ गया
बात कुछ भी न थी बात इतनी हुई आज
महफ़िल में वो बेनकाब आ गया
दिलकशी क्या कहें नाज़ुकी क्या
कहें ताजगी क्या कहें जिंदगी क्या कहें
हाथ में हाथ उसका वो ऐसे लगा जैसे
हाथों में कोई गुलाब आ गया
हुस्न वाले तेरी बात रखनी पड़ी आ
गयी इम्तेहान की वो आखिर घडी
पूछ ले पूछ ले आइना ही तो है देख
ले आज तेरा जवाब आ गया
नाम अपना कहीं पर लिखा तो नहीं बस
इसी बात का आज करले यकीन
आओ राही जरा पूछ कर देख ले अपने
दिल की वो खोले किताब आ गया
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