AAJ KA SHER

अपने ही दोस्त की तो हैं जितनी हैं ये निशानियां !

दैर मिले तो सर झुका, काबा मिले सलाम कर !!
-संत दर्शन सिंह जी

दैर (मंदिर) का'बा (मस्जिद) इस शेर ऐसे प्यारे अंदाज़ में सहिष्णुता
का, सर्व धर्म समभाव का, सन्देश दिया है कि किसी को इंकार करते न बने !कहते हैं ये मंदिर मस्जिद गिरजे गुरद्वारे इंसानी हाथों से बने ईंट पत्थर चूनेके मकान सही, मगर वो सब प्रभु प्रियतम मानते हैं ! 

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