SHAYARI 14.05.2023
दर्द कोई बर्फ नहीं जो वक्त के साथ पिघल जाए !
दर्द लोहे का टुकडा है जो हड्डियों के साथ गलता है !!
रिश्तो का खिलवाड़ बनाना आम बात है !
लेकिन जो सच्चे दिल से निभा दे उसका इंतजार है !
सुकून ए दिल
के लिए कभी हाल तो पूछ लिया करिए !
पता तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते !!
बहुत मुश्किल है सभी को खुश रखना
चिराग जलाते ही अंधेरे रूठ जाते हैं।
नाजों से पालती है उदास होने नही देती !
नसीब से लड जाती है मां कभी
रोने नही देती !!
ये माना कि वक्त नहीं लगता किसी से दिल लगने लगाने मे !
पर इक जिंदगी लग जाती है किसी को भुलाने में !!
अंधेरा ख़ुद पिघलकर आ गया रौशन चिराग़ों में !
हमारी बाँह में वरना सिमटकर कौन आता है !!
जिन्दगी बहुत कुछ देकर भी !
किसी न किसी चीज के लिए फकीर बनाए रखती है !!
हम अपना दर्द लेकर राह पर नज़रें बिछाए हैं !
जरा देखें फ़रिश्ता या सितमगर, कौन
आता है !!
रोज बाटें रोज बढ़ेगी !
एक मुस्कुराहट दूसरी दुआ !!
मतलब है तो जिक्र है !
वरना किस को किस की फिक्र है !!
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