SHAYARI 18.05.2023

बांधकर पैरों मे बेड़ियां वो चलने को मजबूर करती हैं !

ये जिम्मेदारियां हैं साहब ये हमें हम से दूर करती हैं !!

दर्द  सबसे ज्यादा हमें तब होता है ऐ जिंदगी !

जब हम अपना दर्द किसी से बांट नहीं पाते !!

 

मैंने कब कहा तुम मिल जाओ मुझे !

गैर ना हो जाना बस इतनी सी हसरत है !!

वो करते हैं खिलाफ़त मेरी तो बेशक करने दो !

जुगनू के विरोध से जंगल जला नही करते !!

ये उम्र बढ़ने के बजाय घट जाती तो क्या बात थी !

ज़िंदगी माँ की गोद में कट जाती तो क्या बात थी !!

बेशक तू बदल ले अपनी मोहब्बत लेकिन ये याद रखना !

तेरे हर झूठ का सच मेरे सिवा कोई नही समझ सकता !!


तड़प कर गुज़र जाती है हर रात आखिर

कोई याद ना करे तो क्या सुबह नही होती

बेशुमार जख्मों की मिसाल हूं मैं,

फिर भी हंस लेता हूं कमाल हूं मैं !!


साथ मेरे बैठा था पर किसी और के करीब था,
वो अपना सा लगने वाला किसी और का नसीब था.!


साथ मेरे बैठा था पर किसी और के करीब था,
वो अपना सा लगने वाला किसी और का नसीब था.!












 

Comments

Popular posts from this blog

SRI YOGI ADITYANATH- CHIEF MINISTER OF UTTAR PRADESH

आतिफ आउट सिद्धू पर बैंड

Ghazal Teri Tasveer Se Baat Ki Raat Bhar- Lyric- Safalt Saroj- Singer- P...