JAB KOI DARD UTHA-SUFI QALAM
जब कोई दर्द उठा दिल ने कहा या साबिर !
जब मिली कोई दवा दिल ने कहा या साबिर !!
कौन से दर पे सदा देगा कहाँ जाएगा !
ख़ुश रहा उनका गदा दिल ने कहा या साबिर !!
सुनते हैं अपने ग़ुलामो की सदा शाहे करम !
ये नज़र आई अदा दिल ने कहा या साबिर !!
ये करम आपका जारी रहे दुनिया में सदा !
देख कर शाने अता दिल ने कहा या साबिर !!
मर्तबा ग़ैब की दुनिया में बलन्दों से बलन्द !
अर्श से झाँका ख़ुदा दिल ने कहा या साबिर !!
~ हज़रत शाह मंज़ूर आलम " कलंदर मौजशाही" (हुज़ूर साहेब)
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