रुख से ज़ुल्फ़ जब सरके दिलकशी तो होती है !
चाँद के निकलने से चांदनी तो होती है !!
क्या हुआ हसीनो से गर वफ़ा नहीं होती !
दोस्तों हर इंसान में कुछ कमी तो होती है !!
~ सकंलन 
प्रदीप श्रीवास्तव  

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH