दर पे सजदा करने आया ख़्वाजा एक बेचारा ।-SUFI QALAM

दर पे सजदा करने आया ख़्वाजा एक बेचारा ।
आया दर्द जिगर में लेकर रखना रहम ख़ुदारा ॥

मेरे ख़्वाजा तुम हो दाता तुमसे चले गुज़ारा ।
हम टुकड़ों पर जीने वाले तुमने दिया सहारा ॥

इस धरती पर जीना ऐसे मुमकिन नहीं हुआ है ।
हर मंगता का जीवन दाता तुमने सदा संवारा ॥

जिसने पाई रूहे बक़ा उस दर से ही पाई ।
कामिल हो कर वो निकला जो दिल से तुम्हे पुकारा ॥

जलवा है इक जन्नत जैसे इस धरती पर उतरे ।

रातें जगमग लगैं सलोनी सुबह का मंज़र प्यारा ॥
~ Hazrat Shah Manzoor Aalam

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH