MEHFIL-E-GHAZAL ORGANISED BY LODGE RATAN 175, KANPUR

क्या बताएं की जान गई कैसे !
फिर से दोहराएं वो घड़ी कैसे !!
किसने रस्ते में चाँद रखा था !
मुझको ठोकर वहाँ लगी कैसे !!

विगत दिवस लाज रतन १७५ की गोल्डन जुबली समारोह में कानपुर की जानीमानी शख़्सियत के बीच बहुत ही शानदार ग़ज़लों का प्रोग्राम रहा । सभी मेम्बरों ने दिल से सुना और मुझे भी सुनाने में बहुत आनंद आया । काश ऐसी महफिलें रोज़ सजती रहें जहां अच्छे सुनने वाले श्रोता मौजूद हो । शुक्रिया जनाब अखिलेश तिवारी (चार्टर्ड एकाउंटेंट) , श्री गौतम दत्ता , श्री शशी बाजपेई  (चार्टर्ड एकाउंटेंट ) और सभी मेम्बर्स एवं उनके परिवार सदस्य ।



Comments

  1. That was a memorable event on account of golden jubilee celebration of our lodge.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH