SUFI QALAM - NIRDHAN KE BHAGWAAN MAULA LAAJ BACHANA

NIRDHAN KE BHAGWAAN MAULA LAAJ BACHANA

निर्धन के भगवान मौला लाज बचाना !
तुम पे है अभिमान दास को सदा निभाना !!

दया धरम के स्वामी तुमसे आस जुड़ी है !
इस मंगता को अपने दर से भीख दिलाना !!

कैसे भूलूं तुमने बुझता दीप जलाया !
रोज़ तुम्हें मैं याद करूँ भेजूं शुकराना !!

तोहरी बात बड़ी है मौला इस धरती पर !
अली अली कहना ही सब से बड़ा ख़ज़ाना !!

अंधियारे में भटक न जाऊं मौला मेरे !
साहब आवे ज्ञान ऎसी समझ सिखाना


~ हज़रत शाह मंज़ूर आलम "कलंदर मौजशाही" ( हुज़ूर साहेब )

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