LYRIC-TUM ITNA JO MUSKRA RAHE HO

TUM ITNA JO MUSKRA RAHE HO

तुम इतना जो, मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है, जिस को छुपा रहे हो 2
तुम इतना जो, मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है, जिस को छुपा रहे हो
..............................
आँखों में नमी, हँसी लबों पर - 2
क्या हाल है, क्या दिखा रहे हो 2
क्या गम है, जिस को छुपा रहे हो
तुम इतना जो, मुस्कुरा रहे हो
.......................
बन जायेंगे जहर पीते पीते - 2
ये अश्क जो पीते जा रहे हो 2
......................
जिन जख्मों को वक्त भर चला है - 2
तुम क्यों उन्हें छेड़े जा रहे हो 2
क्या गम है, जिस को छुपा रहे हो
तुम इतना जो, मुस्कुरा रहे हो
.......................
रेखाओं का खेल हैं मुकद्दर - 2
रेखाओं से मात खा रहे हो 2
क्या गम है, जिस को छुपा रहे हो
तुम इतना जो, मुस्कुरा रहे हो
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JAGJEET SINGH – GEET- QAFI AAZMI, FILM-ARTH (1983),


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