LYRIC-FILMI - CHEHRA HAI YA CHAND

हो...चेहरा है या चाँद खिला है, ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या |
सागर जैसी आँखों वाली, ये तो बता तेरा नाम है क्या ||
चेहरा ............................................नाम है क्या ||
अरे तू क्या जाने तेरी ख़ातिर, कितना है बेताब ये दिल..
तू क्या जाने देख रहा है, कैसे कैसे ख़्वाब ये दिल..M
दिल कहता है तू है यहाँ तो, जाता लम्हा थम जाए..
वक़्त का दरिया बहते बहते, इस मंज़र में जम जाये..
तूने दीवाना दिल को बनाया, इस दिल पर इल्ज़ाम है क्या..
सागर जैसी आँखों वाली, ये तो बता तेरा नाम है क्या ||
......................
हो..आज मैं तुझसे दूर सही और, तू मुझसे अनजान सही..
तेरा साथ नहीं पाऊं तो, ख़ैर तेरा अरमान सही..M
हो..ये अरमा है शोर नहीं हो, ख़ामोशी के मेले हों..
इस दुनिया में कोई नहीं हो, हम दोनों ही अकेले हों..
तेरे सपने देख रहा हूँ, और मेरा अब काम है क्या..
सागर जैसी आँखों वाली, ये तो बता तेरा नाम है क्या ||
चेहरा है या चाँद खिला है, ज़ुल्फ़ घनेरी शाम है क्या |
सागर जैसी आँखों वाली, ये तो बता तेरा नाम है क्या ||
..................................
फिल्म - सागर   / संगीत - आर. डी. बर्मन


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