LYRIC-MEHBOOB MERE MEHBOOB MERE ( MUKESH)

MEHBOOB MERE MEHBOOB MERE ( MUKESH)

महबूब मेरे, महबूब मेरे - 2
तू है तो  दुनियाss कितनी हसीं हैss
जो तू  नहीं तोss, कुछ भी नहीं है
महबूब……………………… नहीं है
महबूब मेरेsssss
…………………..
तू हो तो बढ़ जाती है कीमत मौसम की  } - 2
ये जो तेरी आँखें हैं शोला शबनम की       } 
यहीं मरना भी है मुझको, मुझे जीना भी यहीं है
महबूब मेरे, महबूब मेरे - 2
तू है तो  दुनियाss कितनी हसीं हैss
जो तू  नहीं तोss, कुछ भी नहीं है
महबूब……………………… नहीं है
महबूब मेरेsssss
…………………….

अरमां किसको जन्नत की रंगीं गलियों का  }-2
मुझको तेरा दामन है बिस्तर कलियों का     }
जहाँ पर हैं तेरी बाहें, मेरी जन्नत भी वहीँ है
महबूब मेरे, महबूब मेरे – 2
तु है तु दुनियाss कितनी हसीं हैss
जो तु नहीं तोss, कुछ भी नहीं है
महबूब मेरेsssss
……………………
रख दे मुझको तु अपना दीवाना कर के } -2
नजदीक आ जा फिर देखूं तुझको जी भर के 
मेरे जैसे होंगे लाखों, कोई भी तुझसा नहीं है
महबूब मेरे, महबूब मेरे 
तु है तु दुनियाss कितनी हसीं हैss
जो तु नहीं तोss, कुछ भी नहीं है
महबूब मेरे, महबूब मेरे – 2

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