shayri


सुप्रभात,
जीने की चाह अब बदलने लगी
नाव मझधार में सवरने लगी।
मैंने तेरा साथ जब से पाया है
जिन्दगी मायने बदलने लगी।
~ 'राज'
संकलन:
प्रदीप श्रीवास्तव,
ग़ज़ल गायक 

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