SUBSCRIPTION OF POLITICAL PARTIES ?


तहलका न्यूज ब्यूरो 

नई दिल्ली. देश में साफ़ सुथरे चुनाव कराने के चुनाव आयोग की पहल को एक रिपोर्ट से धक्का लगा है. इसके अनुसार चंदा लेने में सबसे आगे कांग्रेस रही है. वहीँ बीएसपी के पास 100 फीसदी अज्ञात सोर्सेज से चंदा आया है. राष्ट्रीय दलों में चंदा जुटाने में अव्वल रहने वाली कांग्रेस ने अननोन सोर्सेज से सबसे ज्यादा 3323.39 करोड़ रुपए की रकम चंदे से जुटाई है. क्षेत्रीय दलों में बेनामी चंदा उगाही में समाजवादी पार्टी ने सभी को पीछे छोड़ दिया है. बता दें कांग्रेस और सपा दोनों गठबंधन के तहत देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में चुनाव लड़ रही हैं. 
 
इस तथ्य का खुलासा देश में पारदर्शी चुनाव के लिए प्रयासरत संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक एनालिसिस रिपोर्ट में हुआ है. एडीआर ने देश के सभी छह राष्ट्रीय पार्टियों और 51 रीजनल पार्टीज को मिलने वाले चंदे का एनालिसिस किया है. यह रिपोर्ट इन दलों को साल 2004 से 2014-15 तक विभिन्न सोर्सेज से मिलने वाले चंदे को लेकर तैयार की गई है.

इस रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि 2004 से 2014-15 के दौरान 6 राष्ट्रीय और 11 क्षेत्रीय दलों की कुल इनकम 11367.34 करोड़ रुपये रही. चौंकाने वाली बात यह रही कि इतनी बड़ी रकम में केवल  1835.63 करोड़ रुपये यानि मात्र 16 प्रतिशत चंदा देने वाले स्रोतों की पहचान हो सके है. वहीं चंदे की रकम में से 15 फीसदी यानि  केवल 1698.73 करोड़ रूपये अचल संपत्ति, मेम्बरशिप फीस, पुराने अखबारों, प्रतिनिधि शुल्क, बैंक ब्याज, सेल ऑफ पब्लिेकशन और लेवी जैसे सोर्सेज से हासिल हुए हैं. 

 पूरी चंदे की रकम में से 7832.98 करोड़ रुपये यानि 69 फीसदी की रकम कहां से आई, इसका खुलासा किसी भी पोलिटिकल पार्टी ने नहीं किया है. इस दौरान जहां कांग्रेस को मिले चंदे में से 83 फीसदी यानि कि 3323.39 करोड़ रुपये अननोन सोर्सेज से मिले हैं. राष्ट्रीय दलों के मामले में बीजेपी दूसरे नंबर पर रही है जिसे इन 11 सालों में 65 फीसदी यानि कि 2125.95 करोड़ रुपये चंदा अननोन सोर्सेज से मिले. 

वहीं रीजनल पार्टीज में सपा ने अननोन सोर्सेज से चंदा लेने के मामले में सको पछाड़ा है. समाजवादी पार्टी को महज छह फीसदी चंदा नोन सोर्सेज से मिला है. सपा को 766.27 करोड़ रुपये यानि 94 फीसदी चंदे की रकम अननोन सोर्सेज से मिली है. रीजनल पार्टीज में सपा के बाद दूसरे नंबर पर पंजाब में बीजेपी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल है, जिसे 88.06 करोड़ यानि 86 प्रतिशत चंदा अननोन सोर्सेज से मिला है. चंदे की एनालिसिस पीरियड के दौरान और करप्शन को मुदा बनाकर अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी भी चुनावी चंदे के मामले में पाकसाफ नहीं निकली. आम आदमी पार्टी के बनने के बाद से 2014-15 तक उसे कुल 110 करोड़ रूपये का चंदा मिला, जिसमें से 63 करोड़ रूपये यानि कि करीब 58 फीसदी कहां से आया इस बात का जिक्र नहीं है.
 
करप्शन को चुनावों में पॉलिटिकल पार्टीज मुद्दा तो बनती हैं, लेकिन इसे लेकर वे कितनी संजीदा हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है कि 51 रीजनल पार्टीज में से केवल छह पार्टीज का इनकम टैक्स डिटेल चंदे का विश्लेषण हो पाया. इसका कारण है कि केवल छह ही दल ऐसे हैं जिन्होंने इन 11 सालों के दौरान चुनाव आयोग का चंदे में मिली रकम का ब्यौरा दिया है. जबकि बाकी 45 दलों ने आज तक चुनाव आयोग को अपनी इनकम के बारे में बताना भी मुनासिब नहीं समझा. इनकम टैक्स का ब्योरा देने के मामले में भी केवल नौ रीजनल पार्टीज एक्टिव रहीं जबकि बाकी के 42 पार्टीज इस मामले में भी चुप्पी साधे बैठी रहीं.

सबसे दिलचस्प मायावती के नेतृत्व वाली बीएसपी का रहा, इस दौरान पार्टी को चंदे का एक भी पैसा नोन सोर्स से नही मिला. बीएसपी द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए डिटेल के मुताबिक़ नियमावली के अनुसार पार्टी को मिले कुल 763 करोड़ में से एक भी चंदे की रकम 20000 रूपये से अधिक की नहीं थी.

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