BHARAT AYE MERE WATAN-GHAZAL

भारत ऐ मेरे वतन, तुझे हर रंग में सजाया जाए ! 
तुझ को राम राज का इंद्र धनुष बनाया जाए !

जीकर तेरे आग़ोश में,एक खुशबु मिली हमको !
ज़िन्दगी हुई मु-अत्तर, तेरा शुक्र बजाया जाए !!

ऐ  खाके -ऐ-वतन, तेरे  पाक ज़र्रों से हुए  पैदा 
ख्वाहिश  है मेरी, तेरे आग़ोश  में  दफनाया  जाए 

मालूम   भी   है  तुझको , ये    फख्र  भी  है  हमको 
तारीख़  है अज़ीम  तेरी ,अब तेरा मुस्तक़बिल बनाया जाए 
 ये  कौन  है  जो  किसी से , उसका मज़हब  पूछता  है 
मज़हब की कलियों से  मुल्क का गुलदस्ता  सजाया  जाए 

चमन है ये अगर ,फूल अलग होंगे , खुशबु  अलग  होगी  
एक  ही  रंग   के  ईंटों से तो क्यों  दीवार  उठाया  जाए 

मुखातिब  तुझ  से   हूँ , दर्दमंद  इल्तेजा  सब  से  है 
सब   साथ   आएं , इस मुल्क में इन्साफ  बसाया  जाए 

नाउम्मीदी  कुफ्र  है   'राशिद', सब्र  का दामन थाम ले 
अँधेरे  बढ़  जा ये तो ,उम्मीद  का चिराग़  जलाया  जाए
~ राशिद 

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