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Showing posts from June, 2017

सुप्रभात,

सुप्रभात, ज़र्रे ज़र्रे में उसका नूर है, झाँक ले ख़ुद में वो न तुझसे दूर है यदि इश्क़ है उससे तो सबसे इश्क़ कर इबादत का यही दस्तूर है ।

शायरी

फिर कभी होश न आए तो कोई बात नही ! आज हम जितने पियें, उतनी पिला दे साक़ी!! ~संत दर्शन सिंह

Shayri

बेवज़ह है , तभी तो दोस्ती है ! वज़ह होती तो साज़िश होती !! संकलन: प्रदीप "रौनक़"

शायरी

गलत सुना था मोहब्बत आंखों से होती है ! दिल तो वों भी ले जाते हैं जो पलकें तक नही उठाते !!

SHAYRI

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ख़ंजर से करो बात ना तलवार से पूछो ! मैं क़त्ल हुआ कैसे मेरे यार से पूछो !!  *** ग़ज़ल में बंदिशों अलफ़ाज़ ही नही काफ़ी ! जिगर का खून भी कुछ चाहिये असर के लिए !! *** दिल दिया एतबार की हद थी ! जान दी ये मेरे प्यार की हद थी !! मर गया मैं खुली रही ऑंखें ! ये तेरे इंतज़ार की हद थी !! संकलन: प्रदीप श्रीवास्तव

शायरी

वक़्त दिखाई नही देता ! पर दिखा बहुत कुछ देता है !! :संकलन: प्रदीप "रौनक़"

शायरी

दिल को चुरा के यार का अब यूँ न जाइए ! नजराना दे के प्यार का अव यूँ न जाइए !! गुजरेगी क्या दीवानों पे सोचा है आपने ! मौसम है ये बहार का अब यूँ न जाइए !! ~ नज़ीर बनारसी संकलन प्रदीप "रौनक़"

शायरी

सुप्रभात, तभी तक पूछे जाओगे जब तक काम आओगे ! चिरागों के जलते ही बुझा दी जाती हैं तीलियाँ !! संकलन प्रदीप "रौनक़'

शायरी

मिजाज़ को कर लो, एक परिन्दे की मानिंद, सैयाद के निशाने पे है फ़िर भी चहक रहा है ! (अनिल माहेश्वरी)

शायरी

तकलीफ़ खुद ही कम हो गई ! जब अपनों से उम्मीद कम हो गई !!

GEET - EID KA CHAND

अम्मा! देखो, ईद का चाँद अब्बा! देखो, ईद का चाँद ईद का चाँद कि जैसे कान्हा मन्द-मन्द मुस्काएं ईद का चाँद कि जैसे तुलसी छन्द-छन्द मुस्काएं ईद का चाँद कि जैसे वन में राम-सिया को लख कर पत्ते-पत्ते, बेलें-बेलें, कन्द-कन्द मुस्काएं यह केवट की उस बड़भागी नैया जैसा चाँद  अम्मा! देखो, ईद का चाँद अब्बा! देखो, ईद का चाँद ईद का चाँद कि जैसे माँ दुर्गा की हो गलमाला ईद का चाँद कि माँ काली के दिव्य कटार की ज्वाला  ईद का चाँद कि जैसे वो चन्दा जिसको धारण कर  महादेव देवाधिदेव के शीश छटकती हाला राधा-कृष्ण के झूले की पथ-रेखा जैसा चाँद अम्मा! देखो, ईद का चाँद अब्बा! देखो, ईद का चाँद ईद मुबारक - प्रबुद्ध सौरभ

SHAYRI

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तेरी दीद जिसको नसीब हो वो नसीब क़ाबिले दीद है !   तुझे सोचना मेरी चाँद रात,  तुझे देखना  मेरी ईद है !! ईद मुबारकां 

शायरी

शीशा टूटे और बिखर जाये वो बेहतर है ! दरारे ना जीने देती हैं ना मरने देती है !! :संकलन: प्रदीप "रौनक़"

शायरी

मुझे दर्द बेइंतहा देने वाले ! नही हम तुझे बद-दोआ देने वाले !! मैं नफ़रत के शोले बुझाता रहूंगा! हवा लाख दें ये हवा देने वाले !! ~फ़ारुख जायसी

शायरी

सुप्रभात, मैं अपनी जिंदगानी बेचता हूँ राहे उल्फ़त में ! ख़ुदा चाहे ख़ुदा ले ले सनम चाहे सनम ले ले !! ~ कैफ़ी आज़मी

शायरी

मंज़र भी बेनूर थे और फिज़ाएँ भी बेरंग थी ! बस दोस्त याद आए और मौसम सुहाना हो गया !!

शायरी

ना छेड़ किस्सा ए उल्फ़त का, बड़ी लम्बी कहानी है ! मैं ग़ैरों से नही हारा , किसी अपने की मेहरबानी है !! प्रदीप "रौनक़"

शायरी

मुझ को चलने दो,अकेला है अभी मेरा सफर ! मुझ को रोका गया तो, क़ाफ़िला हो जाऊंगा !! संकलन: प्रदीप "रौनक़"

किसान और आत्महत्या

पूरे देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं और फिर किसानों का ये धरना प्रदर्शन जो पिछले करीब तीन महीने से चल रहा है उसके बावजूद सरकार किसानों के मुद्दों को लेकर सुस्ती दिखा रही थी तो दूसरी तरफ नीति आयोग जरूर किसानों की आय पर कर लगाने की सिफारिश कर रही है। पूरे देश में किसानों द्वारा अलग   - अलग जगहों अब एक नए तरीके का प्रदर्शन शुरू हुआ है क्योंकि किसानों ने पहले कभी भी इस तरह का हड़ताल नहीं किया है वैसे इस बार ये आंदोलन बाढ़ या सूखे जैसी प्राकृतिक आपदा न होकर बंपर पैदावार है। आखिर कारपोरेट घरानों के छह लाख करोड़ का कर्जा जब सरकार माफ करने को तैयार है ,   तो फिर किसानों का कर्ज क्यों नहीं। भारत हर साल दो करोड़ पैंसठ लाख टन अनाज का उत्पादन करता है , फिर भी देश के बहुत से लोगों को भूखे पेट रहना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर किसान हैं जिन्हें अपने उत्पाद का सही दाम भी नहीं मिल पा रहा है और कर्ज के बोझ तले दबे ये किसान उत्पादों की सही कीमत न मिलने पर आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। किसान जब अपने उत्पादों को बाजार में बेचने जा रहा है तो उसे वाजिब कीमत नहीं मिल रही है , लेकिन इस कम कीमत का फाय

नमक की तरह योग को बनाएं जीवन का हिस्सा : मोदी

नमक की तरह योग को बनाएं जीवन का हिस्सा  : मोदी   मानव जीवन में योग की तुलना नमक से करते हुये मोदी ने आज यहां कहा कि नमक भोजन में स्वाद लाने के अलावा शरीर के पोषण के लिये जरूरी है , उसी तरह नियमित योगाभ्यास से स्वस्थ और निरोगी रह जा सकता है... लखनऊ।   मानव जीवन में योग की तुलना नमक से करते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां कहा कि नमक भोजन में स्वाद लाने के अलावा शरीर के पोषण के लिये जरूरी है , उसी तरह नियमित योगाभ्यास से स्वस्थ और निरोगी रहा जा सकता है। तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर रमाबाई अंबेडकर मैदान में आयोजित योग शिविर को संबोधित करते हुये   मोदी ने कहा कि दुनिया के कई देशो में योग की लोकप्रियता तेजी से बढ रही है। योग के कारण देश को दुनिया में अलग पहचान हासिल हुयी है। योग आज जीवन का हिस्सा बन चुका है। उन्होने कहा कि नमक सबसे सस्ता होता है मगर यदि खाने में नमक ना हो तो भोजन बेस्वाद लगता है और शरीर का संतुलन भी बिगड जाता है। नमक की जरूरत को कोई नकार नही सकता। नमक की तरह जीवन में योग का स्थान बनाना चाहिये। पूरे दिन की बजाय मात्र 50 से 60 मिनट योग करके ज

शायरी

तेरे अन्दर जो हरदम गूंजती है ! वो ही आवाज़ तो सच बोलती है !! ~ आर डी शर्मा “ तासीर “ 

SHAYRI

अब ये होता है के तन्हाई से तंग आ कर ! ख़ुद ही दरवाजे की ज़ंजीर हिला देते हैं !! ~ खुर्शीद अफसर बिस्वानी 

MEHFIL-E-GHAZAL

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जिंदगी वो है जो काम आये किसी के वरना ! इसको तो जैसे गुज़ारोगे गुज़र जायेगी !! ~ नज़ीर बनारसी विगत दिवस लेप्रोस्कोपिक यूरोलॉजी पर डॉक्टर्स के दो दिवसीय कार्यशाला में एक दिन महफ़िल-ए-ग़ज़ल का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के आयोजक थे डॉक्टर वी.के. मिश्र सुप्रसिद्ध यूरोलोजिस्ट , कानपुर | ग़ज़ब की सोच के साथ नई नई फरमाइशों से देर रात तक महफ़िल रौशन हुई | कभी पुराने नगमे, कभी ग़ज़लें कभी जोश में आकर ख़ुद गीत पेश करने लगते थे | इसी क्रम में बहार से आये डाक्टर दिलीप चौरसिया ने किशोरे जी का गीत पेश किया | सुमन सिंह के द्वारा गाये गए पुराने नगमो से कार्यक्रम में चार चाँद लग गए | तबले पर श्री मनोज तिवारी, पैड पर श्री दीपक निगम, ढोलक पर श्री ऋषि कान्त और की बोर्ड पर श्री चरण जीत सिंह ने बहुत ही सुरीली संगत की | FOR PROGRAMME PLEASE CALL +91 9984555545 OR WRITE pradeep.ghaza@gmail.com
जिंदगी वो है जो काम आये किसी के वरना ! इसको तो जैसे गुज़ारोगे गुज़र जायेगी !! ~ नज़ीर बनारसी विगत दिवस लेप्रोस्कोपिक यूरोलॉजी पर डॉक्टर्स के दो दिवसीय कार्यशाला में एक दिन महफ़िल-ए-ग़ज़ल का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के आयोजक थे डॉक्टर वी.के. मिश्र सुप्रसिद्ध यूरोलोजिस्ट , कानपुर | ग़ज़ब की सोच के साथ नई नई फरमाइशों से देर रात तक महफ़िल रौशन हुई | कभी पुराने नगमे, कभी ग़ज़लें कभी जोश में आकर ख़ुद गीत पेश करने लगते थे | इसी क्रम में बहार से आये डाक्टर दिलीप चौरसिया ने किशोरे जी का गीत पेश किया | सुमन सिंह के द्वारा गाये गए पुराने नगमो से कार्यक्रम में चार चाँद लग गए | तबले पर श्री मनोज तिवारी, पैड पर श्री दीपक निगम, ढोलक पर श्री ऋषि कान्त और की बोर्ड पर श्री चरण जीत सिंह ने बहुत ही सुरीली संगत की | FOR PROGRAMME PLEASE CALL +91 9984555545 OR WRITE pradeep.ghaza@gmail.com

शायरी

शायरी

ये कशमकश है कैसे ज़िन्दगी बसर कर ! पैरों को काट फेंके या चादर बड़ी करें !! संकलन: प्रदीप "रौनक़"

शायरी

अपने रब के फ़ैसले पर, भला शक कैसे करुँ !! सजा दे रहा है गर वो, कुछ तो गुनाह रहा होगा मेरा !! संकलन: प्रदीप श्रीवास्तव ग़ज़ल गायक

सुप्रभात

किसी भी खेल में हार जीत लगी रहती है । कोहली अच्छे कप्तान और खिलाड़ी भी हैं। इस हार को खेल भावना के साथ स्वीकारना चाहिए ! ~प्रदीप~

शायरी

सुप्रभात मित्रों, तेज़ हो जाता है ख़ुशबू का सफ़र शाम के बाद ! फूल इस शहर में खिलते हैं मगर शाम के बाद ! उससे दरियाफ़्त न करना कभी दिन के हालात ! सुबह का भूला जो लौट आया हो घर शाम के बाद !! ~ कृष्ण बिहारी नूर संकलन: प्रदीप श्रीवास्तव, ग़ज़ल गायक

नौकरशाहों ने मंत्रियों के सहयोग से योगी के गड्ढा मुक्त सपने को चूर चूर किया

नौकरशाहों ने मंत्रियों के सहयोग से योगी के  गड्ढा मुक्त सपने को चूर चूर किया   तीन महीने पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बड़े जोर-शोर से ऐलान किया था कि 15 जून तक हमारे प्रदेश की सभी सड़कें गड्ढामुक्त हो जायेंगी। संम्भवतः मुख्यमंत्री को छोड़कर किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सभी को मालूम था कि इतने बड़े प्रदेश की खस्ताहाल सड़कें तीन महीने में कैसे गड्ढामुक्त हो जायेंगी ? यद्यपि मुख्यमंत्री के नेक इरादों पर कोई शक नहीं। यहाँ की सड़कों की दुर्दशा को देखकर कोई भी नया- नया मुख्यमंत्री जो अति संवेदनशील हो और लोगों की तकलीफ़ से भलीभाँति वाकिफ़ हो अति उत्साह में ऐसा ऐलान कर सकता हैं। जब उन्होंने समाजवादी सरकार से सत्ता ली होगी तो शायद यही सेाचा होगा कि सड़कों की इस दुर्दशा के लिए समाजवादी सरकार या इसके पूर्व की सरकारें जिम्मेदार हैं , जिसे वह कम से कम समय में आते ही ठीक कर लेंगे और अपनी सरकार का एक बड़ा काम बताने में कामयाब हो जायेंगें। पर , उन्होंने यह जानना जरूरी नहीं समझा कि जो अधिकारी और कर्मचारी सड़क के निर्माण विभाग में नौकरी करते है वे सब तो वही हैं। पहले वाले। जनता भी वही है जो

शायरी

तलाश करिये मेरी कमी को अपने दिल मे ! दर्द हो तो समझ लेना कि रिश्ता अभी टूटा नही !! :संकलन: प्रदीप "रौनक़"

अमृत वर्षा

रुतबा तो खामोशियों का होता है अल्फ़ाज़ का क्या ! वो तो बदल जाते हैं अक्सर हालात देख कर !! संकलन: प्रदीप "रौनक़"

शायरी

बेगुनाह कोई नही, सबके राज़ होते हैं ! किसी के छुप जाते हैं, किसी के छप जाते हैं !! संकलन, प्रदीप "रौनक़"

शायरी

मैने छोड़ दिया है किस्मत पर यक़ीन करना ! जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ है !! संकलन, प्रदीप "रौनक़"

शायरी

जमाना "वफादार" नहीं तो फिर क्या हुआ ! "धोखेबाज" भी तो हमेशा अपने ही होते हैं !!

कानपुर का महापौर कैसा हो ?

मित्रों, पिछले कानपुर के कई महापौर के चुनाव के बाद यही समझ में आता है कि महापौर किसी पार्टी का नहीं होना चाहिए | क्यूँ की उसकी आंख, उसका दिल और दिमाग़ पार्टी के निर्देशानुसार चलता है | पिछले महापौर के कार्यों का आंकलन करेंगे तो आप मेरी बात को सच मानेगे | इसलिए मेरी राय में महापौर निर्दलीय होना चाहिए, जिसके पास इंसानियत का जज़्बा हो जो सभी को एक निगाह से देखे | आपकी राय का मुन्तज़िर हूँ ?

शायरी

एक ज़िक्रे ख़ुदा ही से कुछ बात नही बनती ! लाज़िम है दिलों में भी कुछ ख़ौफ़े ख़ुदा रखना !!

शायरी

ये जो मुस्कराहट का लिबास पहना है मैंने ! दर असल खामोशियों को रफ़ू करवाया है मैंने !! संकलन प्रदीप रौनक़

शायरी

एक सदी तक न वंहा पहुंचेगी दुनिया सारी ! एक ही घूंट में दीवाने जंहा तक पहुंचे !! संकलन प्रदीप रौनक़

शायरी

बेवज़ह है तभी तो दोस्ती है ! वज़ह होती तो साज़िश होती !! संकलन:प्रदीप रौनक़

शायरी

साथ रहते यूं ही वक़्त गुज़र जाएगा ! दूर होने के बाद कौन किसे याद आएगा !! जी लो ये पल जब हम साथ हैं ! कल क्या पता वक़्त कहां ले जाएगा !! संकलन:प्रदीप रौनक़

शायरी

शायरी

सुबह का पहला खूबसूरत शेर :- ये सोंधी सोंधी ख़ुशबू, ये भीगी हुई हवा ! देखो कहीं करीब में दरिया ज़रूर है । ~ साग़र आज़मी

SHAYRI

ना जाने कौन सी ख़ुशबू है उसके लहेज़े में ! बात करता है तो कलेजा निकल लेता है !! ~ नदीम .

MEHFIL-E-SHAMA ON 14.06.2017

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महफ़िल-ए- शमा १४ जून २०१७ , समय : ६.०० सायं से ८.०० तक स्थान: मौज विला , ७ , न्यू एम आई जी , केशव नगर , कानपुर ( सी.एन.जी. पंप स्टेशन, नौबस्ता के पीछे ) मित्रों , प्रत्येक १४ तारीख़ को मैं अपने पीर हज़रत शाह मंज़ूर आलम शाह साहेब " हुजुर साहेब के सूफी कलाम , क़व्वाली के रूप में पेश करता हूँ | आप सादर अदब से आमंत्रित हैं |

* उ.प्र. लघु उद्धयोग निगम, कानपुर का खुला भ्रष्टाचार *

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                    *उ.प्र. लघु उद्धयोग निगम, कानपुर का खुला भ्रष्टाचार*         जी हाँ उ.प्र. लघु उद्धयोग निगम , कानपुर में पिछले कई वर्षों से नियमित प्रबंध निदेशक की नियुक्ति नहीं हो रही है इसका फायदा प्रबंधक ( कार्मिक) एवं समस्त कार्मिक विभाग के कर्मियों ने  नियुक्तियों में भ्रष्टाचार को प्राथमिकता देते हुए अपने पुत्रों, पुत्रियों एवं रिश्तेदारों को सारे नियम कायदे ताक पर रखते हुए शासनादेशों की धज्जियां उड़ाते हुए रेवड़ी की तरह नौकरियां बांटी जबकि १९९४ में निकले गए ४ दैनिक वेतन भोगी कर्मी लगातार न्याय के लिए गुहार लगा रहे हैं उनकी नहीं सुनी गई और ना ही किसी सरकार से उन्हें न्याय मिला | अब आप कहेंगे कि श्री सत्यदेव पचौरी जो सम्बंधित विभाग के मंत्री है और आपके नज़दीकी है उनसे क्यों नही अपनी समस्या कही । मैने तीन बार शिकायत की सभी साक्ष्य दिए , लेकिन पूर्व के अन्य मंत्रियों की तरह इनकी भी वैसी ही कार्य प्रणाली है । प्रार्थी को श्री सत्य देव पचौरी ने लखनऊ बुलवाया प्रार्थना पत्र पर उन्होंने मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी । अब आप समझते होंगे कि  प्रमुख सचिव जांच के लिए सम्बंधित सचिव को
* उ.प्र. लघु उद्धयोग निगम , कानपुर का खुला भ्रष्टाचार * जी हाँ उ.प्र. लघु उद्धयोग निगम , कानपुर में पिछले कई वर्षों से नियमित प्रबंध निदेशक की नियुक्ति नहीं हो रही है इसका फायदा प्रबंधक ( कार्मिक) एवं समस्त कार्मिक विभाग के कर्मी नियुक्तियों में भ्रष्टाचार को प्राथमिकता देते हुए अपने पुत्रों, पुत्रियों एवं रिश्तेदारों को सारे नियम कायदे ताक पर रखते हुए शासनादेशों की धज्जियां उड़ाते हुए रेवड़ी की तरह नौकरियां बांटी जबकि १९९४ में निकले गए ४ दैनिक वेतन भोगी कर्मी लगातार न्याय के लिए गुहार लगा रहे हैं उनकी नहीं सुनी गई और ना ही किसी सरकार से उन्हें न्याय मिला | अब आप कहेंगे कि श्री सत्यदेव पचौरी जो सम्बंधित विभाग के मंत्री है और आपके नज़दीकी है उनसे क्यों नही अपनी समस्या कही । मैने तीन बार शिकायत की सभी साक्ष्य दिए , लेकिन पूर्व के अन्य मंत्रियों की तरह इनकी भी वैसी ही कार्य प्रणाली है । प्रार्थी को श्री सत्य देव पचौरी ने लखनऊ बुलवाया प्रार्थना पत्र पर उन्होंने मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी । अब आप समझ ते होंगे कि  प्रमुख सचिव जांच के लिए सम्बंधित सचिव को लिखेंगे सचिव जांच के लिए प्