शायरी

सुप्रभात मित्रों,

तेज़ हो जाता है ख़ुशबू का सफ़र शाम के बाद !
फूल इस शहर में खिलते हैं मगर शाम के बाद !
उससे दरियाफ़्त न करना कभी दिन के हालात !
सुबह का भूला जो लौट आया हो घर शाम के बाद !!
~ कृष्ण बिहारी नूर
संकलन:
प्रदीप श्रीवास्तव,
ग़ज़ल गायक

Comments

Popular posts from this blog

GHAZAL LYRIC- झील सी ऑंखें शोख अदाएं - शायर: जौहर कानपुरी

Ye Kahan Aa Gaye Hum_Lyric_Film Silsila_Singer Lata Ji & Amitabh ji

SUFI_ NAMAN KARU MAIN GURU CHARNAN KI_HAZRAT MANZUR ALAM SHAH